जलियां वाला बाग नरसंहार का लंदन में बदला लेने वाले वीर उधम सिंह

31 जुलाई 1940 : क्रान्तिकारी ऊधमसिंह का बलिदान दिवस कुछ क्रांतिकारी ऐसे हुए हैं जिन्होंने शांति के जगह क्रांति का रास्ता अपनाया, उन्होंने अंग्रेजों की नेस्तनाबूत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, ऐसे ही क्रान्तिकारी थे ऊधमसिंह, जिनको लंदन में 31 जुलाई 1940 को फांसी दी गई थी। सरदार …

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भारतीय शिक्षण परंपरा और नारी सम्मान का अद्भुत अभियान चलाने वाले : ईश्वर चंद्र विद्यासागर

उन्नीसवीं शताब्दी का आरंभ अंग्रेजों द्वारा भारतीय शिक्षा, संस्कृति, परंपरा और समाज के मानसिक दमन के अभियान का समय था। गुरुकुल नष्ट कर दिये गये थे, चर्च और वायबिल आधारित शिक्षा आरंभ करदी थी। ऐसे समय में किसी ऐसे व्यक्तित्व की आवश्यकता थी, जो भारतीय समाज में आत्मविश्वास जगाकर अपने …

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चित्रोत्पला गंगा की सांस्कृतिक विरासत

मानव सभ्यता का उद्भव और संस्कृति का प्रारंभिक विकास नदी के किनारे ही हुआ है। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में नदियों का विशेष महत्व है। भारतीय संस्कृति में ये जीवनदायिनी मां की तरह पूजनीय हैं। यहां सदियों से स्नान के समय पांच नदियों के नामों का उच्चारण तथा जल …

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स्वदेशी आंदोलन के प्रणेता गणेश वासुदेव जोशी

अंग्रेजी सत्ता ने भारत में अपनी जड़ों को गहरा करने के लिये व्यापार को माध्यम बनाया था। उन्होंने पहले विदेशी वस्तुओं का आकर्षण पैदा किया फिर स्वदेशी उत्पाद का दमन किया। 1857 में क्रान्ति की असफलता के बाद इस तथ्य अनेक महापुरुषों ने पहचाना उनमें सबसे प्रमुख थे गणेश वासुदेव …

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अंग्रेजी शासन की जड़ें हिलाने वाले अद्भुत योद्धा

महान क्राँतिकारी चन्द्रशेखर आजाद एक ऐसे विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे कि उन्होंने अंग्रेजी शासन के विरुद्ध भारत के संपूर्ण क्राँतिकारी आँदोलन कारियों को एकजुट किया तथा बंगाल से पंजाब तक अंग्रेजी शासन की जड़ें हिला दीं। उनका जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के अंतर्गत ग्राम …

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अंग्रेजों की प्रताड़ना से प्राण त्यागने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी : यतीन्द्र मोहन सेनगुप्त

22 जुलाई, बलिदान दिवस विशेष आलेख भारत तो स्वतंत्रता सैकड़ों वर्षों के संघर्ष एवं लाखों की संख्या में बलिदानों को उपरांत प्राप्त हुई। जिनमें कुछ बलिदानियों का नाम तो लोग जानते हैं परन्तु असंख्य ऐसे हैं, जिनके विषय में बहुत कम ही ज्ञात हो पता है। हम प्रसिद्ध एवं सिद्ध …

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भारतीय इतिहास का भयानक नरसंहार : सत्तीचौरा घाट

17 से 21 जुलाई 1857 : अंग्रेजों द्वारा कानपुर में भीषण नरसंहार जलियाँवाला बाग में हुये सामूहिक नरसंहार को सब जानते हैं। पर अंग्रेजों ने इससे पहले और इससे भीषण नरसंहार भी किये हैं। इनमें एक भीषण नरसंहार जुलाई 1857 को कानपुर में हुआ। इसमें लगभग बीस हजार से अधिक …

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सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी बटुकेश्वर दत्त : पुण्यतिथि विशेष

भारतीय इतिहास में ज्ञात होता है कि जिन लोंगो ने हमें स्वतंत्र बनाने के लिये अपना जीवन न्योछावर किया, अंग्रेजों की अमानवीय यातनाएं सहीं उनके साथ स्वतंत्रता के बाद भी कैसा व्यवहार हुआ। इनमें से एक हैं सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी बटुकेश्वर दत्त। उन्हें स्वतंत्रता के बाद भी आजीविका के लिये भीषण …

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अधिकमास होने के पीछे का आध्यात्म एवं विज्ञान

इस वर्ष 18 जुलाई से अधिकमास आरंभ हो रहा है जो 16 अगस्त तक रहेगा। भारतीय पंचांग का यह पुरुषोत्तम मास का विधान विज्ञान के निष्कर्ष, और आध्यात्म की साधना और समाज समन्वित स्वरूप रचना का अद्भुत निष्कर्ष है। विज्ञान की दृष्टि से अधिकमास की यह अवधि जहाँ सूर्य और …

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खुशहाली एवं समृद्धि का प्रतीक हरेली एवं हरेला त्यौहार

भारत कृषि प्रधान देश होने के साथ – साथ उत्सव प्रधान भी है। यहाँ अधिकतर त्यौहार कृषि कार्य पर आधारित हैं, प्रत्येक त्यौहार किसी न किसी तरह कृषि कार्य से जुड़ा हुआ है। छत्तीसगढ़ में जब धान की बुआई सम्पन्न हो जाती है तब सावन माह की अमावश को कृषि …

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