Home / 2021 / June

Monthly Archives: June 2021

ब्रिटिश संसद के पहले भारतीय सांसद

फारस पर्शिया या आधुनिक समय का ईरान प्राचीन काल से आहुर मजदा धर्म के मानने वालों का क्षेत्र था. इनका धर्म ग्रंथ जेंद अवेस्ता था जिसकी समानता ऋग्वेद के साथ कथ्य के आधार पर की जाती है. इसी आधार पर माना जाता है कि सुदूर अतीत में ऋग्वैदिक आर्य और …

Read More »

शिल्पांकन एवं साहित्य में शुक-सारिका

पक्षियों से मनुष्य का जन्म जन्मानंतर का लगाव रहा है। पक्षियों का सानिध्य मनुष्य को मन की शांति प्रदान करता है तो बहुत कुछ सीखने को उद्यत करता है। कुछ पक्षी तो ऐसे हैं जो मनुष्य से उसकी बोली में बात करते हैं और इन्होंने सामान्य नागरिक के गृह से …

Read More »

चार दाग से सतगुरु न्यारा, अजरो अमर शरीर : कबीर जयंती विशेष

कबीर पंथ के चौदहवे आचार्य पंथश्री गृन्धमुनिनाम साहब ने अपने ग्रंथ ‘सद्गुरु कबीर ज्ञान पयोनिधि’ की प्रस्तावना में लिखा है,- “संसार के लोग राख के ढेर पर ही पैर रखकर चलते हैं- जलती आग पर नहीं। किन्तु जो इसके ठीक विपरीत होते हैं, आग पर चलकर अग्नि परीक्षा देते हैं …

Read More »

एक ही देश में दो झंडे और दो निशान स्वीकार नहीं : डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

भारतीय राजनीति के नक्षत्र एवं राष्ट्रवादी चिंतक डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई, 1901 को एक संभ्रांत परिवार में हुआ था। महानता के सभी गुण उन्हें विरासत में मिले थे। उनके पिता आशुतोष बाबू अपने जमाने ख्यात शिक्षाविद् थे। डॉ. मुखर्जी ने 22 वर्ष की आयु में एमए की …

Read More »

प्राचीन भारतीय योग विज्ञान सर्वकाल में उपयोगी

युञ्ज्यते असौ योग:, योग शब्द संस्कृत के युञ्ज धातु से बना है। जिसका अर्थ है जुड़ना, मिलना या एकजुट होना। योग, विश्व को प्राचीन भारतीय परंपरा एवं संस्कृति की अनुपम देन है। योग द्वारा मनुष्य अपने शरीर एवं मन-मस्तिष्क को आत्मबल प्रदान कर प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाता है। योग …

Read More »

सरगुजा अंचल में गंगा दशहरा

भारत धार्मिक आस्था वाला देश है। यहां के रहवासी पेड़-पौधों, पत्थरों और धातुओें में ही नहीं बल्कि नदियों में भी देवी देवताओं के दर्शन करते हैं। भारत में गंगा, गोदावरी, यमुना, सरस्वती, कावेरी, ब्रम्हपुत्र आदि महत्वपूर्ण नदियाँ हैं, जिन्हें प्राणदायनी माना जाता है। भारतीय जीवन और संस्कृति में नदियों का …

Read More »

अद्वितीय वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई : पुण्यतिथि विशेष

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम हिन्दुस्तान की अद्वितीय वीरांगना के रूप में लिया जाता है। उनकी महत्ता का प्रमाण यही है कि सन् 1943 में जब नेता जी सुभाषचंद बोस ने सिंगापुर में आजाद हिंद फौज में स्त्रियों की एक रेजीमेंट बनाई तो उसका नाम ‘‘रानी झांसी रेजीमेंट’’ रखा …

Read More »

स्थापत्य कला में गजलक्ष्मी प्रतिमाओं का अंकन : छत्तीसगढ़

लक्ष्मी जी की उत्पत्ति के बारे में कहा गया है कि देवों तथा असुरों द्वारा समुद्र मंथन करते समय उससे उत्पन्न हुये चौदह रत्नों में से लक्ष्मी जी भी एक रत्न थीं। वे कमल के आसन पर बैठी हुई कमल पुष्प हाथ में धारण किये हुये प्रकट हुई थीं। लक्ष्मी …

Read More »

सिसोदिया वंश मार्तण्ड महाराणा प्रताप

संस्कृति और इतिहास में राजस्थान नाम का उल्लेख प्राचीन काल में नहीं मिलता। वर्तमान राजस्थान के क्षेत्र में प्राचीन काल से अनेक राजनैतिक इकाइयों का उल्लेख मिलता है, जिनमें मत्स्य (जयपुर का उत्तरी भाग) सपादलक्ष (जयपुर का दक्षिणी भाग) कुरुक्षेत्र (अलवर का दक्षिणी भाग) शूरसेन (भरतपुर, धौलपुर तथा करौली) शिव …

Read More »

महाराणा प्रताप महान, अकबर नहीं : विश्लेषण

*फारुखअहमदखान – केवल ‘महान‘ कह देने से या लिख देने से कोई ‘महान‘ नहीं हो जाता है। ‘महान‘ अथवा ‘महानता‘ का भावार्थ, ‘उत्कृष्ट, अति उत्तम, सर्वश्रेष्ठ तथा बहुत बढ़िया/शानदार, उद्देश्यपूर्ण कर्म, जिसमें व्यक्ति विशेष, स्वयं का त्याग/बलिदान/नि:स्वार्थ भाव/सहायता या भागीदारी प्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित हो और जिसकी एक स्वर में …

Read More »