पिछले डेढ़ हजार वर्षों में पूरे संसार का स्वरूप बदल गया है । 132 देश एक राह पर, 57 देश दूसरी राह पर और अन्य देश भी अपनी अलग-अलग राहों पर हैं। इन सभी देशों उनकी मौलिक संस्कृति के कोई चिन्ह शेष नहीं किंतु हजार आक्रमणों के बाद यदि भारत …
Read More »Monthly Archives: April 2023
लोक मंगल का नृत्य करमा
लोकगीत और लोकनृत्यों में छत्तीसगढ़ का उल्लासित परिवेश साकार हो उठता है। जन्म से मृत्यु पर्यंत, पर्व और उत्सवों में, जीवन की विसंगतियों में होता आया लोक नृत्यों आज भी जीवंत है,समूचे जनजीवन में। ऐसा ही एक लोक नृत्य है करमा, जो विविध परिवेश में प्रचलित है। इसे छत्तीसगढ़ के …
Read More »महानदी अपवाह तंत्र की व्यापारिक पथ प्रणाली : शोध पत्र
विश्व में प्राचीन सभ्यताओं का उदय नदियों की घाटी पर हुआ है। आरंभ में आदिम मानव के लिए स्वयं को लंबे समय तक सुरक्षित रख पाना बेहद ही चुनौती पूर्ण था। आदिम मानव का निवास जंगलों में नदी-नालों, झरनों एवं झीलों के आस पास रहा करता था। उसके लिए जंगली …
Read More »व्यापक और प्रचण्ड अवतार : परशुराम जी
झूठी है उनके क्रोधी होने और क्षत्रिय क्षय की बातें : अक्षय तृतीया विशेष लेख पृथ्वी पर सत्य, धर्म और न्याय की स्थापना के लिये भगवान् नारायण ने अनेक अवतार लिये हैं। इनमें परशुरामजी का अवतार पहला पूर्ण अवतार है। जो सर्वाधिक व्यापक है। संसार का ऐसा कोई कोना,कोई क्षेत्र …
Read More »आज तीन महान क्राँतिकारियों का बलिदान दिवस
षड्यंत्रकारी कलेक्टर को मारी थी गोली भारतीय स्वाधीनता संघर्ष में अनंत वीरों का बलिदान हुआ है। कुछ के तो नाम तक नहीं मिलते और जिनके नाम मिलते हैं उनका विवरण नहीं मिलता। नासिक में ऐसे ही क्राँतिकारियों का एक समूह था जिनमें तीन को फाँसी और दो को आजीवन कारावास …
Read More »स्वाधीनता संग्राम के दो ऐसे वीर जिनकी मृत्यु का कारण विश्वासघाती बने
यूँ तो भारत के इतिहास में राष्ट्र, संस्कृति समाज और स्वाभिमान रक्षा के लिये प्रतिदिन किसी न किसी न किसी क्राँतिकारी के बलिदान से जुड़ी है पर 18 अप्रैल की तिथि दो ऐसे महान क्राँतिकारियों के बलिदान की याद दिलाती है जिन्होंने जीवन की अंतिम श्वाँस तक संघर्ष किया और …
Read More »बाबा साहेब के व्यक्तित्व पर बचपन में मिले धार्मिक संस्कारों का प्रभाव
यह भारत भूमि की विशेषता है कि उसे समयानुकूल राजनीतिक, बौद्धिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक नेतृत्व प्राप्त होता रहा है। भारत को राजनीतिक रूप से एकसूत्र में बांधने का प्रश्न उठा, तब आचार्य चाणक्य सामने आए। विदेशी दमनकारी शक्तियों के सामने भारत के सामर्थ्य को प्रकट करने के लिए चंद्रगुप्त मौर्य, …
Read More »भारत के हर कोने में नरसंहार किये थे अंग्रेजों ने
जलियाँवाला बाग नर संहार 13 अप्रैल 1919 : विशेष आलेख आज जलियाँ वाला बाग नरसंहार को एक सौ तेइस वर्ष हो गये। इस दिन जनरल डायर के आदेश पर स्त्री बच्चों सहित निर्दोष नागरिकों पर गोलियाँ चलीं थी, और लगातार दस मिनट तक चलतीं रहीं थीं। इसमें तीन सौ से …
Read More »रंगून की जेल में बलिदान देने वाला क्रांतिकारी
क्रांतिकारी वीर राम सिंह पठानिया जन्म दिवस विशेष आलेख सामान्यतः लोग जानते हैं कि अंग्रेजों की हड़प नीति 1857 के आसपास शुरु हुई। पर इतिहास गवाह है कि इस हड़प नीति के विरुद्ध अद्भुत साहस के प्रतीक इस 24 वर्षीय नवयुवक ने अपने मुट्ठी भर साथियों के बल पर अंग्रेजी …
Read More »स्वाभिमान की चिंगारी क्राँति का दावानल बनी
सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी मंगल पाण्डेय बलिदान दिवस विशेष भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में 1857 की क्रान्ति को सब जानते हैं। यह एक ऐसा सशस्त्र संघर्ष था जो पूरे देश में एक साथ हुआ। इसमें सैनिकों और स्वाभिमान सम्पन्न रियासतों ने हिस्सा लिया । असंख्य प्राणों की आहूतियाँ हुईं थी । इस संघर्ष …
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