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वैदिक संस्कृति

खेलत अवधपुरी में फाग, रघुवर जनक लली

होली हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। भारतीय संस्कृति का अनूठा संगम उनकी त्योहारों और पर्वो में दिखाई देता है। इन पर्वो में न जात होती है न पात, राजा और रंक सभी एक होकर इन त्योहारों को मनाते हैं। सारी कटुता को भूलकर अनुराग भरे माधुर्य से इसे मनाते …

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ब्रज होरी आई रस भरी

होली का त्यौहार हो और ब्रज का ध्यान न आये, ऐसा हो ही नहीं सकता। होली का ब्रज में विशेष महत्व है। इसीलिए होली और ब्रज एक दूसरे का पर्याय बन गये हैं। श्रीकृष्ण होली के नायक हैं और नायिका राधारानी हैं। राधा -कृष्ण की दिव्य होली प्रति वर्ष ब्रज …

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मकर संक्रांति पर्व का महत्व एवं गंगा सागर स्नान दर्शन

सूर्य का मकर राशि में प्रवेश ‘संक्रांति‘ कहलाता है। सूर्य का मकर रेखा से उत्तरी कर्क रेखा की ओर जाना उत्तरायण और कर्क रेखा से दक्षिण मकर रेखा की ओर जाना दक्षिणायन कहलाता है। जब सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होने लगता है तब दिन बड़े और रात छोटी होने लगती …

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सम्पूर्ण जगत का कर्ता सूर्य : छठ पूजा विशेष

मानव ने धरती पर जन्म लेकर सबसे पहले नभ में चमकते हुए गोले सूर्य को देखा। धीरे-धीरे उसने सूर्य के महत्व समझा और उसका उपासक हो गया। सूर्य ही ब्रह्माण्ड की धुरी है। जिसने अपने आकर्षण में सभी ग्रहों एवं उपग्रहों को बांध रखा है। इसका व्यवहार किसी परिवार के …

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पितृ-पक्ष श्राद्ध का वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक रहस्य

हमारी आर्ष संस्कृति ऋषि परंपराओं पर आधारित है और यह ऋषि परंपराएं सनातन होने के साथ-साथ केवल विश्वासों पर आधारित न हो कर वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर पल्लवित हुई है। हमारे सनातन ऋषियों ने इन परंपराओं को देश, काल, ऋतू के अनुरूप एवं सर्वजन हिताय ही विकसित किया है। इसमे कीड़ी …

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तंत्र की देवी वैनायकी : पौराणिक साहित्यिक संदर्भ में

वैदिक परंपराओं को मानने वालों में सर्वदेवो में अग्रगण्य, प्रथम पूज्य, गौरीनंदन गणेश को बाधाओं को हरने वाले पुरुष देवता के रूप में लोकप्रियता प्राप्त हैं और उनसे सम्बंधित अनेकानेक कथाएँ भी मिलती है जिनसे प्रायः हम सभी परिचित है किंतु दूसरी तरफ भारतीय तंत्र विद्या में गणेश जी के …

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गणों के अधिपति गणपति

गणेश जी के स्वरूप और उत्सव में परिवार के समन्वय, समाज की जागरुकता, सशक्तीकरण और नेतृत्वकर्ता के लिये कुशलता का अद्भुत संदेश है। नेतृत्व कर्ता का व्यक्तित्व कैसा हो, व्यवहार कैसा हो, कार्य क्षमता कैसी हो। यह सभी संदेश गणेशोत्सव के माध्यम से दिये गये हैं। गणेश जी को हम …

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विश्व हितैषी स्वामी विवेकानन्द

11 सितम्बर, 1893 विश्वबंधुत्व दिवस विशेष आलेख अयं निजः परोवेति गणना लघुचेतसाम् ।उदारचरितानां तु वसुधैवकुटुम्बकम् ॥ (महोपनिषद्, अध्याय ६, मंत्र ७१)यह नीति वाक्य सदियों से हमारी प्राचीन सनातन संस्कृति और भारतवर्ष के श्रेष्ठ चरित्र का परिचायक है। विश्व के इतिहास में एक स्वर्णिम कालखण्ड ऐसा भी रहा है जब भारत …

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शिव का अघोरी रूप एवं महिमा

श्रावण मास में शिवार्चना पर विशेष आलेख त्रिदेवों में एक शिव का रूप और महिमा दोनों ही अनुपमेय है। वेदों में शिव को रुद्र के नाम से सम्बोधित क्रिया गया तथा इनकी स्तुति में कई ऋचाएं लिखी गई हैं। सामवेद और यजुर्वेद में शिव-स्तुतियां उपलब्ध हैं। उपनिषदों में भी विशेषकर …

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नाग पंचमी का व्यापक अर्थ एवं मीमांसा

श्रावण मास के श्रुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भारत में नाग पंचमी मनाने की परम्परा है। हमारी सनातन परम्परा में नागों को देवता माना गया है, इसलिए इनकी पूजा के लिए एक दिन निर्धारित किया गया है। नाग पंचमी का संबंध सिर्फ एक सर्प विशेष से नहीं है प्रत्युत …

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