बलिदानी क्राँतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल

क्राँतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल का जन्म 11जून 1897 को शाहजहांपुर के खिरनी बाग में हुआ था। उनके पिता का नाम पं मुरलीधर और माता का नाम देवी मूलमती था। परिवार की पृष्ठभूमि आध्यात्मिक और वैदिक थी। पूजन पाठ और सात्विकता उन्हें विरासत में मिली थी। कविता और लेखन की क्षमता …

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दुनिया से गुलामी का मैं नाम मिटा दूंगा

पंडित राम प्रसाद विस्मिल का जन्म दिवस विशेष आलेख भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों की भूमिका अग्रणी रही है। हजारों क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों को होम कर दिया। इनमें कई ऐसे क्रांतिकारी रहे हैं जो क्रांति का पर्याय बन चुके हैं। इनमें पंडित रामप्रसाद बिस्मिल का नाम प्रमुखता से लिया …

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सशस्त्र संघर्ष से क्रांति का अलख जगाने वाले भगवान बिरसा मुंडा

भगवान बिरसा मुंडा बलिदान दिवस विशेष आलेख अमर क्रान्तिकारी बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर 1875 छोटा नागपुर कहे जाने वाले क्षेत्र में हुआ था । यह क्षेत्र अब झारखंड में है । उनकी माता सुगना देवी और पिता करमी मुंडा का गाँव झारखंड प्रांत के रांची जिले में पड़ता …

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जन जागरण का काव्य : संदर्भ छत्तीसगढ़

साहित्य समाज का पहरुआ होता है। चाहे वह गीत, कविता, कहानी, निबंध, नाटक या किसी अन्य साहित्यिक विधा में क्यों न हो। वह तो युगबोध का प्रतीक होता है। कवि वर्तमान को गाता है लेकिन वह भविष्य का दृष्टा होता है। साहित्य जो भी कहता है निरपेक्ष भाव से कहता …

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लोक संस्कृति का जीवन सरिताएं

पर्यावरण दिवस विशेष आलेख भारतीय संस्कृति में नदियों का बड़ा सम्मान जनक स्थान है। नदियों को माँ कहकर इनकी पूजा की जाती है। ये हमारा पोषण अपने अमृत समान जल से करती हैं। अन्य सभ्यताओं में देखें तो उनमें नदियों का केवल लौकिक महत्व है। लेकिन भारत में लौकिक जीवन …

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अमर लोक से हम चले आए

ज्येष्ठ पूर्णिमा, सद्गुरु कबीर साहब प्रगट दिवस पर विशेष कबीरा खड़ा बाजार में, मांगे सबकी खैर। ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर।। ‘सद्गुरु कबीर साहब’ की उक्त साखी को भला आज कौन नहीं जानता! ऐसे अनगिनत सखियां और पद हैं जो जनमानस के हृदयों को भावविभोर कर देती …

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बस्तर की जनजाति का अभिन्न अंग शृंगार

मनुष्य में सौन्दर्य बोध होना एक स्वभाविक गुण है। वह जब भी किसी शृंगारित सुन्दर एवं कलात्मक चीज को देखता है, तो वह उसकी तरफ आकर्षित होता है और तारीफ किये बिना नहीं रहता। हर समय मनुश्य अपने को दूसरे से सुन्दर और श्रेष्ठ दिखाने का प्रयास करता है। व्यक्ति …

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प्राचीन तालाब संस्कृति और रायपुर के तालाब

पानी सहेजते तालाब सदियों बनते रहे हैं जो अतीत की धरोहर बनें हमारी जीवनचर्या का कभी एक अभिन्न अंग थे। तालाब बनवाना, कुआं खुदवाना एक धार्मिक कार्य था। जहां नदियां नहीं थी वहां तालाब ही सब की प्यास बुझाते थे। छत्तीसगढ़ में हजारों हजार तालाब समय समय पर बनाएं गये। …

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गंगा दशहरा स्नान पर्व एवं दान महत्व

गंगा-दशहरा पुण्य-सलिला गंगा का हिमालय से उत्पत्ति का दिवस है। जेष्ठ शुक्ल दशमी को यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान से दस प्रकार के पापों का विनाश होता है इसलिए इस दिन को गंगा दशहरा नाम दिया गया। इसी दिन मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। …

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कालेपानी में सर्वाधिक प्रताड़ना झेलने वाले क्रान्तिकारी

भारतीय स्वाभिमान और स्वातंत्र्य बोध जागरण के लिए यूँ तो करोड़ों महापुरुषों के जीवन का बलिदान हुआ है किन्तु उनमें कुछ ऐसे हैं जिनके जीवन की प्रत्येक श्वाँस राष्ट्र के लिये समर्पित रही। स्वातंत्र्यवीर सावरकर जी ऐसे ही महान विभूति थे जिनके जीवन का प्रतिक्षण राष्ट्र और स्वत्व बोध कराने …

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