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विविध

माताओं उठो ! विजय प्राप्त करो !!

महिलाओं को अपना समय व ऊर्जा, गप्पें हांकने में, अफवाहें फैलाने में, दूसरों का दोष निकालने में, भौतिक सम्पदा के लिए मुकाबला करने में, झूठा स्तर बनाए रखने में और घमण्ड इत्यादि में व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए। इससे चारों ओर अप्रसन्नता फैलेगी व ईर्ष्या का प्रादुर्भाव होगा। इन सब पर …

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देवऋषि नारद : लोक-कल्याण संचारक और संदेशवाहक

भारतवर्ष का हिमालय क्षेत्र सदैव से ऋषि-मुनियों तथा संतों को आकर्षित करने वाला रहा है। ऋषि अष्टावक्र, देवऋषि नारद, महर्षि व्यास, परसुराम, गुरु गोरखनाथ, मछिंदरनाथ इत्यादि ने हिमालय को अपनी साधना हेतु चुना। अतएव हिन्दू संस्कृति में देवऋषि नारद का शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि वे ब्रह्मा जी के …

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आदि शंकराचार्य के जीवन में महत्वपूर्ण मोड़ देने वाली घटना : जयंती विशेष

लोकमान्यता है कि केरल प्रदेश के श्रीमद्बषाद्रि पर्वत पर भगवान् शंकर स्वयंभू लिंग रूप में प्रकट हुए और वहीं राजा राजशेखरन ने एक मन्दिर का निर्माण इस ज्योतिर्लिंग पर करा दिया था। इस मन्दिर के निकट ही एक ‘कालडि’ नामक ग्राम है। आचार्य शंकर का जन्म इसी कालडि ग्राम में …

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भगवान परशुराम जन्मदिवस एवं पावन पर्व अक्षय तृतीया

वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि अक्षय तृतीया, आखा तीज या अक्ति कहलाती है। इस दिन किसी भी कार्य को किया जाय वह अक्षय फ़ल देने वाला होता है। बारह मासों में तृतीया होती है परन्तु वैशाख की यह तिथि अक्षय होने के कारण इसे महत्वपूर्ण माना गया …

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बैगा जनजाति में मृतक संस्कार की परम्परा

वैदिक कालीन मानव का जीवन सोलह संस्कारों में विभक्त था एवं उसी के अनुसार उनके कार्य और व्यवहार थे। परन्तु जनजातीय समुदाय में संस्कार तो होते हैं पर सोलह संस्कारों जैसी कोई सामाजिक मान्यता नहीं है। जनजातीय समाज मुख्य रुप से जन्म, नामकरण, विवाह और मृत्यु संस्कार को मानता है। …

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क्या आप जानते हैं महिषासुर का वध कहाँ हुआ था?

महिषासुर राक्षस का उल्लेख देवी भागवत में हुआ है, जिसका संहार देवी दुर्गा ने किया था। वह पहाड़ी कन्दराओं एवं बीहड़ जंगलों में विचरण करता था । देवी भागवत में उपर्युक्त सभी कथाओं का वर्णन तो है, लेकिन महिषासुर का उद्भव कहाँ हुआ था? तथा उसका मर्दन किस स्थान पर …

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भारतीय शास्त्रीय संगीत और लोकसंगीत

संगीत नामक शब्द से ही मन में स्वर लहरियाँ उत्पन्न होने लगती हैं, मन और आत्मा दोनो तरंगित हो उठते हैं, देह नृत्य करने लगती है, चेतना अपने उच्चतम स्तर पर उर्ध्वगामी हो जाती है। ऐसा ही है आनंद संगीत और स्वर का। यह एक ऐसी विधा है जिसने मानव …

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दर्पण के ज़रिए समझिये समाज की सच्चाई

भारत जैसे बड़े देश में व् दुनिया भर में मीडिया को लोकतंत्र का चौथा अथवा महत्वपूर्ण स्तम्भ बताया जाता है. मीडिया मतलब हर वह माध्यम है जिससे जनता तक जानकारियाँ, विचार व् नीतियाँ पहुँच सके. इस मीडिया के तंत्र में समाचार पत्र, पुस्तक, पत्रिकाएं, टेलीवीजन, रेडियो, इन्टरनेट इत्यादि हैं. टीवी …

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वासंती नवसस्येष्टि पर्व : होलिकोत्सव

हमारा भारत देश उत्सवों एवं पर्वों का देश है, यहाँ की संस्कृति में बारहों मास उल्लास की व्यवस्था है। ॠतुओं के अनुसार एवं ॠतु परिवर्तन पर त्यौहार मनाए जाते हैं, जो समाज को सांस्कृतिक शिक्षा देते हैं तथा संस्कृति को समृद्ध करते हैं। फ़ाल्गुन मास की पूर्णिमा को होली मनाई …

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