सरगुजा संभाग के सूरजपुर जिला अंतर्गत प्रतापपुर से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर पूर्व दिशा में पहाड़ों की पीठ पर ग्राम पंचायत शिवपुर में शिवपुर तुर्रा नामक स्थल प्रसिद्ध है। यहीं शिव मंदिर के अंदर जलकुण्ड में अर्द्धनारीश्वर शिवलिंग विराजमान हैं। इस शिवलिंग में शिव एवं पार्वती दोनों के …
Read More »सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी बटुकेश्वर दत्त : पुण्यतिथि विशेष
भारतीय इतिहास में ज्ञात होता है कि जिन लोंगो ने हमें स्वतंत्र बनाने के लिये अपना जीवन न्योछावर किया, अंग्रेजों की अमानवीय यातनाएं सहीं उनके साथ स्वतंत्रता के बाद भी कैसा व्यवहार हुआ। इनमें से एक हैं सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी बटुकेश्वर दत्त। जब बटुकेश्वर बहुत छोटे थे तब परिवार कानपुर आ …
Read More »सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के प्रणेता : दुर्दम्य महारथी श्रीयुत मंगल पांडे
(19 जुलाई महा महारथी श्रीयुत मंगल पांडे की जयंती पर सादर समर्पित) ———–भारतीय स्वाधीनता संग्राम के इतिहास लेखन का सबसे दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह रहा कि बरतानिया सरकार के विरुद्ध जितने भी सशस्त्र स्वतंत्रता संग्राम हुए, उनको विद्रोह, गदर, लूट, डकैती और आतंकवाद की संज्ञा दे दी गई और …
Read More »ईश्वर का प्यारा छल: एक लघुकथा
मैंने एक ऐसी घटना के बारे में सुना है जब ईश्वर ने अपनी संतानों यानि मानव जाति के साथ छल किया। यह कथा मुझे मेरी दादीमाँ ने मेरे बचपन में सुनाई थी। मेरी दादीमाँ जिन्हे बचपन में मैं बहुत प्रेम करता था और आज भी उनको, उनकी स्मृति को उतना …
Read More »सुख – समृद्धि, उर्वरता, और सौभाग्य की अधिष्ठात्री देवी : दशम महाविद्या माँ कमला
(गुप्त नवरात्र के दशम महाविद्या माँ कमला देवी पर सादर समर्पित) माँ कमला देवी दस महाविद्याओं में से अंतिम हैं। देवी कमला को कमलात्मिका के नाम से भी जाना जाता है और वे समृद्धि की देवी हैं। धन और सौंदर्य की देवी के रूप में, उनकी पूजा उनकी शक्ति के …
Read More »“अपकारी शक्तियों की विनाशक : विधवाओं की आराध्य महाविद्या माँ धूमावती”
माँ धूमावती सनातन धर्म में सातवीं महासिद्धि (महाविद्या) के रुप में शिरोधार्य हैं। “ऊँ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा” माँ धूमावती का बीज मंत्र है। माँ सभी अपकारी तंत्रों मंत्रों और शक्तियों की विनाशक, मानव जाति के लिए सर्वाधिक कल्याण कारी और अपराजेय बनाने वाली देवी हैं। इनके दर्शन ही …
Read More »13 जुलाई 1660 सुप्रसिद्ध यौद्धा बाजी प्रभुजी देशपाँडे का बलिदान
अंतिम श्वाँस तक युद्ध करके शिवाजी महाराज सुरक्षित विशालगढ़ पहुँचाया दासत्व की लंबी अंधेरी रात के बाद भी यदि आज भारतीय सँस्कृति का दीप प्रज्वलित है तो इसके पीछे उन वीरों का बलिदान हैं जिन्होंने अंतिम श्वाँस तक संघर्ष करके इसकी ज्योति ठंडी नहीं होने दी । ऐसे ही बलिदानी …
Read More »छत्तीसगढ़ में ब्रह्मा उपासना
भारतीय धार्मिक पृष्ठभूमि में त्रिदेवों का महत्वपूर्ण स्थान है। जिसमें ब्रह्मा को सृष्टी का सृजनकर्ता माना गया है। त्रिदेवों में सम्मिलित होने के बाद भी ब्रह्मा को वह लोकप्रियता नहीं प्राप्त हुई जो विष्णु एवं महेश की है। इसलिए ऐसी संभावनाएं व्यक्त की गई है की ब्रह्मा का अपना कोई …
Read More »जनजातीय समुदाय में श्री जगन्नाथ धाम का माहात्म्य
जनजातीय समुदाय में श्री जगन्नाथ धाम का माहात्म्यजगन्नाथ मंदिर विष्णु के 8 वें अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है। पुराणों में इसे धरती का वैकुंठ कहा गया है। यह भगवान विष्णु के चार धामों में से एक है। इसे श्रीक्षेत्र, श्रीपुरुषोत्तम क्षेत्र, शाक क्षेत्र, नीलांचल, नीलगिरि और श्री जगन्नाथ पुरी भी …
Read More »छत्तीसगढ़ अंचल का प्रमुख पर्व रथयात्रा
छत्तीसगढ़ में भगवान जगन्नाथ का प्रभाव सदियों से रहा है, यह प्रभाव इतना है कि छत्तीसगढ़ के प्रयाग एवं त्रिवेणी तीर्थ राजिम की दर्शन यात्रा बिना जगन्नाथ पुरी तीर्थ की यात्रा अधूरी मानी जाती है। मान्यतानुसार जगन्नाथ पुरी की यात्रा के पश्चात राजिम तीर्थ की यात्रा करना आवश्यक समझा जाता …
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