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Tag Archives: स्वतंत्रता संग्राम

डायरेक्ट एक्शन का आह्वान : स्वातंत्र्य समर

अगस्त 1946 : पाकिस्तान की माँग के लिये मुस्लिम लीग का डायरेक्ट एक्शन पन्द्रह अगस्त 1947 को भारतीय स्वतंत्रता और यह वर्तमान स्वरूप सरलता से नहीं मिला। यह दिन मानों रक्त के सागर से तैरकर आया है। बलिदानियों ने जितना बलिदान विदेशी आक्रांताओं से मुक्ति के लिये दिया। उतना ही …

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भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के पथप्रदर्शक

भारतीय इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण घटना भारत की स्वतंत्रता है। जो ब्रिटिश शासन के विरूद्ध एक अत्यंत कठिन और लंबी लड़ाई का अंत था। स्वतंत्रता किसी भी देश के नागरिकों की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य कर अपनी राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक एवं शिक्षा इत्यादि सभी क्षेत्रों में सर्वांगीण …

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आँसुओं और रक्त की धारा के बीच भारत विभाजन की त्रासदी

14 अगस्त : भारत विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस संसार में भारत अकेला ऐसा देश है जिसका इतिहास यदि सर्वोच्च गौरव से भरा है तो सर्वाधिक दर्द से भी। यह गौरव है पूरे संसार को शब्द, गणना और ज्ञान विज्ञान से अवगत कराने का और दर्द है निरंतर आक्रमणों और अपनी …

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तत्कालीन कहानियों में विभाजन की त्रासदी

वर्तमान पीढ़ी को स्वतंत्रता मायने ही नहीं जानती, क्योकि इनका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ है। इस स्वतंत्रता को प्राप्त करने में पूर्व की पीढ़ी ने कितने कष्ट सहे और क्या-क्या अत्याचार झेले, इसके विषय में वर्तमान पीढ़ी को जानना आवश्यक है तभी स्वतंत्रता का सही मुल्यांकन कर उसकी रक्षा …

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भारतीय इतिहास का भयानक नरसंहार : सत्तीचौरा घाट

17 से 21 जुलाई 1857 : अंग्रेजों द्वारा कानपुर में भीषण नरसंहार जलियाँवाला बाग में हुये सामूहिक नरसंहार को सब जानते हैं। पर अंग्रेजों ने इससे पहले और इससे भीषण नरसंहार भी किये हैं। इनमें एक भीषण नरसंहार जुलाई 1857 को कानपुर में हुआ। इसमें लगभग बीस हजार से अधिक …

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सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी बटुकेश्वर दत्त : पुण्यतिथि विशेष

भारतीय इतिहास में ज्ञात होता है कि जिन लोंगो ने हमें स्वतंत्र बनाने के लिये अपना जीवन न्योछावर किया, अंग्रेजों की अमानवीय यातनाएं सहीं उनके साथ स्वतंत्रता के बाद भी कैसा व्यवहार हुआ। इनमें से एक हैं सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी बटुकेश्वर दत्त। उन्हें स्वतंत्रता के बाद भी आजीविका के लिये भीषण …

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राष्ट्रगीत वन्दे मातरम् रचने वाले कालजयी रचनाकार

सुप्रसिद्ध साहित्यकार और पत्रकार बंकिम चंद्र चटोपाध्याय का जन्म दिवस विशेष देश की स्वतंत्रता के लिये हुये असंख्य बलिदानों की श्रृंखला के पीछे असंख्य प्रेरणादायक महाविभूति भी रहे हैं। जिनके आव्हान से समाज जाग्रत हुआ और संघर्ष के लिये सामने आया। ऐसे ही महान विभूति हैं बंकिम चंद्र चटोपाध्याय। जिनका …

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जन जागरण का काव्य : संदर्भ छत्तीसगढ़

साहित्य समाज का पहरुआ होता है। चाहे वह गीत, कविता, कहानी, निबंध, नाटक या किसी अन्य साहित्यिक विधा में क्यों न हो। वह तो युगबोध का प्रतीक होता है। कवि वर्तमान को गाता है लेकिन वह भविष्य का दृष्टा होता है। साहित्य जो भी कहता है निरपेक्ष भाव से कहता …

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भारत के स्वतंत्रता सेनानियों पर स्वामी विवेकानंद का प्रभाव

भारत के राष्ट्रीय आंदोलन पर स्वामी विवेकानंद के प्रभाव का वर्णन स्वयं स्वतंत्रता के नायकों ने किया है। गांधीजी जब 1901 में पहली बार कांग्रेस अधिवेशन में हिस्सा लेने कलकत्ता पहुंचे तो उन्होंने स्वामी जी से मिलने का प्रयास भी किया था। अपनी आत्मकथा में गांधी लिखते हैं कि उत्साह …

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आज तीन महान क्राँतिकारियों का बलिदान दिवस

षड्यंत्रकारी कलेक्टर को मारी थी गोली भारतीय स्वाधीनता संघर्ष में अनंत वीरों का बलिदान हुआ है। कुछ के तो नाम तक नहीं मिलते और जिनके नाम मिलते हैं उनका विवरण नहीं मिलता। नासिक में ऐसे ही क्राँतिकारियों का एक समूह था जिनमें तीन को फाँसी और दो को आजीवन कारावास …

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