अमर क्रान्तिकारी बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर 1875 छोटा नागपुर कहे जाने वाले क्षेत्र में हुआ था। यह क्षेत्र अब झारखंड में है। उनकी माता सुगना देवी और पिता करमी मुंडा का गाँव झारखंड प्रांत के रांची जिले में पड़ता है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम साल्वा में हुई।अंग्रेजी शिक्षा …
Read More »अस्सी वर्ष की आयु में क्रांति की कमान संभालने वाले बाबू कुंअर सिंह
26 अप्रैल 1858 : सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी बाबू कुँअर सिंह का बलिदान भारतीय स्वाधीनता संग्राम में ऐसे असंख्य बलिदानी हुये जिन्होंने न अपने परिवार की चिंता की न आयु बाधा बनी। वे भारत की स्वाधीनता के लिये न्यौछावर हो गये। ऐसे ही बलिदानी थे बाबू कुँअर सिंह, जिन्होंने हाथ में बंदूक …
Read More »वनवासी युवाओं को संगठित कर सशस्त्र संघर्ष करने वाले तेलंगा खड़िया का बलिदान
23 अप्रैल 1880 : सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी तेलंगा खड़िया का बलिदान भारत पर आक्रमण चाहे सल्तनतकाल काल का रहा हो अथवा अंग्रेजीकाल का। वन्य अंचलों ने कभी दासत्व को स्वीकार नहीं किया और स्वाधीनता केलिए सदैव संघर्ष किया और बलिदान हुये। ऐसे ही संघर्ष के नायक हैं तेलंगा खड़िया जिन्होंने वनवासी …
Read More »षड्यंत्रकारी नासिक कलेक्टर को गोली मारने वाले तीन क्रांतिकारी
19 अप्रैल 1910 : तीन महान क्राँतिकारियों अनंत लक्ष्मण कान्हेरे, विनायक नारायण देशपाँडे और कृष्ण गोपाल कर्वे का बलिदान भारतीय स्वाधीनता संघर्ष में अनंत वीरों का बलिदान हुआ है। कुछ के तो नाम तक नहीं मिलते और जिनके नाम मिलते हैं उनका विवरण नहीं मिलता। नासिक में ऐसे ही क्राँतिकारियों …
Read More »पन्द्रह माह तक क्राँति को जीवन्त रखने वाले क्राँतिकारी तात्या टोपे
18 अप्रैल 1859 : सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी तात्या टोपे का बलिदान सुप्रसिद्ध बलिदानी तात्या टोपे संसार के उन विरले सेनानायकों में से एक हैं जिन्होंने न केवल एक विशाल क्रान्ति को संचालित किया अपितु क्राँति के समस्त नायकों का बलिदान हो जाने के बाद अपनी अकेली दम पर लगभग एक वर्ष …
Read More »मंगल पाण्डेय के स्वाभिमान की चिंगारी क्राँति का दावानल बनी
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में 1857 की क्रान्ति को सब जानते हैं। यह एक ऐसा सशस्त्र संघर्ष था जो पूरे देश में एक साथ हुआ। इसमें सैनिकों और स्वाभिमान सम्पन्न रियासतों ने हिस्सा लिया। असंख्य प्राणों की आहूतियाँ हुईं थी। इस संघर्ष का सूत्रपात करने वाले स्वाभिमानी सिपाही मंगल पाण्डेय थे। …
Read More »सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की स्वतंत्रता का गणतंत्र
आज का भारतीय गणतंत्र स्वतंत्रता के बाद पहली बार सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की पुनर्स्थापना के परिप्रेक्ष्य में मनाया जा रहा है। भारतीय संविधान के निर्माता भली-भांति जानते थे कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के आदर्श विवादों को समाधान की ओर ले जाते हैं। इसीलिए संविधान की मूल हस्तलिखित प्रति में राम-दरबार …
Read More »अंग्रेजों एवं ईसाई मिशनरियों के छक्के छुड़ाने वाली क्रांतिकारी रानी गाइदिनल्यू
गणतंत्र दिवस विशेष आलेख 26 जनवरी भारत के लिये अति पवित्र दिन है। यह भारत के गणतंत्र का उत्सव दिवस है। दासत्व के एक लंबे अंधकार के बाद भारतीय जीवन में अपना संविधान आया था। भारतीय गणतंत्र की वर्षगाँठ के साथ इस दिन एक और गौरव मयी स्मृति जुड़ी हुई …
Read More »सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज और सरदार पटेल
23 जनवरी नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती दुनिया के दूसरे देशों के इतिहास में भी ऐसा हुआ है कि अंतिम चरण में सत्ता परिवर्तन और आजादी के आगमन में आमने-सामने वाला हिंसक युद्ध घटित हुआ। अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में जॉर्ज वाशिंगटन के नेतृत्व में ब्रिटेन के खिलाफ युद्ध हुआ और …
Read More »स्वतंत्रता संग्राम के अमर बलिदानी : हेमू कालाणी
21 जनवरी 1943 सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी हेमू कालाणी बलिदान दिवस भारतीय सवाधीनता संग्राम असंख्य बलिदानों का इतिहास है। हजारों लाखों जीवन की आहूति के बाद ही भारत में स्वतंत्रता का सूर्य उदित हो सका। ऐसे ही एक अमर बलिदानी हैं हेमू कालाणी। संभवतः उनका जन्म ही स्वाधीनता संग्राम के लिये हुआ …
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