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संस्कृति

संस्कृति विभाग में लोक संस्कृति, नृत्य, त्यौहार-पर्व, परम्पराएं, शिष्टाचार, सामुदायिक त्यौहार एवं लोक उत्सव को स्थान दिया गया है।

छत्तीसगढ़ी लोकगीतों में नदियों का महत्व

भारतीय संस्कृति में नदियों का बड़ा सम्मान जनक स्थान है। नदियों को माँ कहकर इनकी पूजा की जाती है। ये हमारा पोषण अपने अमृत समान जल से करती हैं। अन्य सभ्यताओं में देखें तो उनमें नदियों का केवल लौकिक महत्व है। लेकिन भारत में लौकिक जीवन के साथ– साथ पारलौकिक …

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ग्रामीण संस्कृति का केन्द्र पीपल चौरा

पीपल का वृक्ष मौन रहकर भी अपने अस्तित्व के साथ गाँव का इतिहास, भूगोल और सम्पूर्ण सामाजिकता को समेटे हुये रहता था। गाँव का इतिहास इस वृक्ष के साथ बनता रहा था। गाँव का भूगोल यहाँ से प्रारम्भ होकर यहीं खत्म होता था, यहाँ की सामाजिकता का यह वृक्ष गवाह …

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पितृ-पक्ष श्राद्ध का वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक रहस्य

हमारी आर्ष संस्कृति ऋषि परंपराओं पर आधारित है और यह ऋषि परंपराएं सनातन होने के साथ-साथ केवल विश्वासों पर आधारित न हो कर वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर पल्लवित हुई है। हमारे सनातन ऋषियों ने इन परंपराओं को देश, काल, ऋतू के अनुरूप एवं सर्वजन हिताय ही विकसित किया है। इसमे कीड़ी …

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तंत्र की देवी वैनायकी : पौराणिक साहित्यिक संदर्भ में

वैदिक परंपराओं को मानने वालों में सर्वदेवो में अग्रगण्य, प्रथम पूज्य, गौरीनंदन गणेश को बाधाओं को हरने वाले पुरुष देवता के रूप में लोकप्रियता प्राप्त हैं और उनसे सम्बंधित अनेकानेक कथाएँ भी मिलती है जिनसे प्रायः हम सभी परिचित है किंतु दूसरी तरफ भारतीय तंत्र विद्या में गणेश जी के …

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गणेश चतुर्थी को चंद्र दर्शन निषेध क्यों?

भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्म हुआ था। देशभर में धूमधाम से इस दिन गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह शुभ तिथि आज है। गणेश चतुर्थी को कलंक चतुर्थी भी कहा जाता है, इस दिन चंद्र दर्शन करना निषेध …

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गणों के अधिपति गणपति

गणेश जी के स्वरूप और उत्सव में परिवार के समन्वय, समाज की जागरुकता, सशक्तीकरण और नेतृत्वकर्ता के लिये कुशलता का अद्भुत संदेश है। नेतृत्व कर्ता का व्यक्तित्व कैसा हो, व्यवहार कैसा हो, कार्य क्षमता कैसी हो। यह सभी संदेश गणेशोत्सव के माध्यम से दिये गये हैं। गणेश जी को हम …

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छत्तीसगढ़ का प्रमुख पर्व : तीजा तिहार

तीजा तिहार छत्तीसगढ़ के मुख्य एंव लोक पर्वों में से एक हैं, पौराणिक मान्यतानुसार यह त्यौहार बड़े हर्षो उल्लास से महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। मुख्यत:यह त्यौहार नारी शक्ति को समर्पित है। इसे हरितालिका तीज भी कहा जाता है, छत्तीसगढ़ी भाषा तीजा कहते है। तीजा त्यौहार से पहले अमावश को …

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जिजीविषा और तप के बीज : हरितालिका तीज

उत्सवधर्मी एवं अनूठी भारतीय सांस्कृतिक परम्पराओं के लिए लोकप्रसिद्ध रंग निराले है जो जीवन दर्शन भी देते है और जीने को उमंग के साथ सलीके से जीना भी सिखाते है। भारतीय संस्कृति के सावन भादो मास हरित खुशहाली के साथ त्योहारों की लड़ियाँ ले कर आते है जिनके अपने विशिष्ट …

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छत्तीसगढ़ का प्रमुख कृषि पर्व : पोला

खेती किसानी में पशुधन के महत्व को दर्शाने वाला पोला पर्व छत्तीसगढ़ के सभी अंचलों में परंपरागत रूप से उत्साह के साथ मनाया जाता है खेती किसानी में पशु धन का उपयोग के प्रमाण प्राचीन समय से मिलते हैं पोला मुख्य रूप से खेती किसानी से जुड़ा त्यौहार है भादो …

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विश्व हितैषी स्वामी विवेकानन्द

11 सितम्बर, 1893 विश्वबंधुत्व दिवस विशेष आलेख अयं निजः परोवेति गणना लघुचेतसाम् ।उदारचरितानां तु वसुधैवकुटुम्बकम् ॥ (महोपनिषद्, अध्याय ६, मंत्र ७१)यह नीति वाक्य सदियों से हमारी प्राचीन सनातन संस्कृति और भारतवर्ष के श्रेष्ठ चरित्र का परिचायक है। विश्व के इतिहास में एक स्वर्णिम कालखण्ड ऐसा भी रहा है जब भारत …

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