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विविध

छत्तीसगढ़ी काव्य में जन जागरण

साहित्य समाज का पहरुआ होता है। चाहे वह गीत, कविता, कहानी, निबंंध, नाटक या किसी अन्य साहित्यिक विधा में क्यों न हो। वह तो युगबोध का प्रतीक होता है। कवि वर्तमान को गाता है लेकिन वह भविष्य का दृष्टा होता है। साहित्य जो भी कहता है निरपेक्ष भाव से कहता …

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राष्ट्र जागरण और गौरक्षा के लिये समर्पित जीवन : संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी

9 अक्टूबर 1885 सुप्रसिद्ध संत और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रभुदत्त ब्रह्मचारी का जन्म दिवस भारतीय स्वतंत्रता के लिये जितना संघर्ष प्रत्यक्ष आँदोलन के लिये हुआ उससे कहीं अधिक उस अप्रत्यक्ष संघर्ष में जीवन समर्पित हुये जिन्होंने स्वाधीनता आँदोलन में तो भाग लिया ही साथ ही भारतीय संस्कृति के मानविन्दुओं और …

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छत्तीसगढ़ में रामानंद सम्प्रदाय के मठ एवं महंत

शिवरीनारायण में चतुर्भुजी विष्णु मूर्तियों और मंदिरों की अधिकता के कारण यह क्षेत्र प्राचीन काल से श्री पुरूषोत्तम और श्री नारायण क्षेत्र के रूप में विख्यात था। जगन्नाथ पुरी के भगवान जगन्नाथ को शिवरीनारायण से ही पुरी ले जाने का उल्लेख उड़िया कवि सरलादास ने चौदहवीं शताब्दी में किया था। …

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रानी दुर्गावती से युद्घ में मारा गया था शेरशाह सूरी

सामान्यतः हम रानी दुर्गावती को गोंडवाना की महारानी के रूप में जानते हैं और यह भी जानते हैं कि उन्होंने अकबर के आक्रमण का पुरजोर उत्तर दिया था। वे आसफ खाँ की उस कुटिल रणनीति का शिकार बनीं थीं जो उसने जबलपुर के नरई नाले पर धोखे की जमावट की …

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रानी हंसादेवे सहित नौ सौ क्षत्राणियों का जौहर

27 सितम्बर 1310 सिवाणा में पहला जौहर मध्यकाल में हुये भीषण विध्वंस और नरसंहार के बीच रोंगटे खड़े कर देने वाली ऐसी अगणित वीरगाथाएँ हैं जिनमें अपने स्वत्व और स्वाभिमान की रक्षा केलिये क्षत्रियों ने केशरिया बाना धारण कर बलिदान दिया और क्षत्राणियों ने अपनी सखी सहेलियों सहित अग्नि में …

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एकात्म मानववाद की विचारधारा देने वाले : पं. दीनदयाल उपाध्याय

पं. दीनदयाल उपाध्याय जी का जन्म 25 सितम्बर 1916 उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के नगला चंद्रभान गांव में हुआ था। उनके पिता, भगवती प्रसाद, एक प्रसिद्ध ज्योतिषी थे और उसकी मां श्रीमती राम प्यारी एक धार्मिक विचारधारा वाली महिला थी। रेल की नौकरी होने के कारण उनके पिता का …

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भविष्य में वैश्विक एकता का प्रतीक बनेगी हिंदी

भाषा का लेकर चंदन, आओ कर लें अभिनंदनकी गर्व से हिन्दी बोलें, चलो हिन्दी के हो लें संपूर्ण विश्व में एकमात्र भारत ही ऐसा देश है जो न केवल भौगोलिक क्षेत्रफल और जनसंख्या की दृष्टि से विशाल है अपितु हमें तो इस बात का भी गर्व है कि हमारे देश …

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जिजीविषा और तप के बीज : हरितालिका तीज

उत्सवधर्मी एवं अनूठी भारतीय सांस्कृतिक परम्पराओं के लिए लोकप्रसिद्ध रंग निराले है जो जीवन दर्शन भी देते है और जीने को उमंग के साथ सलीके से जीना भी सिखाते है। भारतीय संस्कृति के सावन भादो मास हरित खुशहाली के साथ त्योहारों की लड़ियाँ ले कर आते है जिनके अपने विशिष्ट …

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भारतीय भाषाएं नदियां हैं और हिंदी महानदी

आज हिंदी दिवस है, हिंदी हमारे देश के अधिकांश भू-भाग पर बोली जाने वाली, व्यवहरित होने वाली भाषा है। यह नागरी लिपि में लिखी जाती है। वर्तमान में बहुसंख्यक लोगों के आम व्यवहार में होने के कारण यह भारत में रोजगार की भाषा भी है। एक भाषा के रूप में …

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हर जेल यात्रा में ग्रंथ तैयार करने वाले सेनानी साहित्यकार

9 सितम्बर 1968 : स्वतंत्रता संग्राम सेनानी साहित्यकार रामवृक्ष बेनीपुरी पुण्यतिथि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम विविधता से भरा है। क्राँतिकारी और अहिसंक आँदोलन के साथ अन्य धाराओं में एक ऐसी धारा भी रही जिसने प्रत्यक्ष आँदोलनों में सहभागिता के साथ ऐसी साहित्य रचना भी की जिसने जन सामान्य को झकझोर और …

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