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उत्सवप्रिय छत्तीसगढ़ का हरेली तिहार

सावन का महीना अपनी हरितिमा और पावनता के कारण सबका मन मोह लेता है। सर्वत्र व्याप्त हरियाली और शिवमय वातावरण अत्यंत अलौकिक एवं दिव्य प्रतीत होता है। लोकजीवन भी इससे अछूता नहीं रहता। छत्तीसगढ़ में चौमासा श्रमशील किसानों के लिए अत्यंत व्यस्तता का समय होता है। खेती किसानी का कार्य …

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रमणीय बुजबुजी एवं नथेला दाई

प्रकृति बड़ी उदार है। प्रकृति के सारे उपादान लोक हित के लिए हैं। नदी जल देती है। सूरज और चांँद प्रकाश देते हैं। पेड़ फूल, फल और जीवन वायु देते हैं। प्रकृति का कण-ंउचयकण लोक हितकारी है। इसलिए प्रकृति और पर्यावरण को सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। परन्तु अपने कर्तव्यों …

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रानी रंगा देवी एवं इतिहास का सबसे बड़ा जौहर

9 जुलाई 1301 से 11 जुलाई 1301 को रणथंबोर में जौहर सवाई माधोपुर से लगभग छह मील दूर रणथम्भौर दुर्ग अरावली पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा विकट दुर्ग है। रणथम्भौर का वास्तविक नाम रन्त:पुर है, अर्थात ‘रण की घाटी में स्थित नगर’। इस दुर्ग का निर्माण राजा सज्जन वीर सिंह नागिल …

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सब धरती कागद करूँ , लेखनी सब बनराय : गुरु पूर्णिमा विशेष

“गु अँधियारी जानिये, रु कहिये परकाश। मिटि अज्ञाने ज्ञान दे, गुरु नाम है तास।” कबीरदास ने गुरु के अर्थ और उनके बारे में अंनत लिखा है ।यहाँ तक की सभी महापुरुषों ने गुरु को दुर्लभ मनुष्य जीवन की अत्यंत अनिवार्य कड़ी बताया है। कबीर कहते है-“गुरु गोविंद दाऊ खड़े काके …

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जिनके नाम से मनाया जाता है डॉक्टर्स दिवस : डॉ विधान चंद्र राय

जन्म दिवस एवं पुण्यतिथि विशेष आलेख भारत में आज एक जुलाई डॉक्टर्स दिवस है। यह तिथि सुप्रसिद्ध चिकित्सक और स्वाधीनता सेनानी डॉ विधान चंद्र राय की जन्मतिथि है। डाक्टर विधान चंद्र राय उन विरले लोगों में से कि जिस एक जुलाई की तिथि को उनका जन्म हुआ, अस्सी वर्ष बाद …

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अकबर की सेना के छक्के छुड़ाने वाली वीरांगना : रानी दुर्गावती

रानी दुर्गावती पुण्यतिथि विशेष इतिहास में भारत भूमि पर अनेक वीरांगनाओं ने जन्म लिया तथा अपने कार्यों से इतिहास में अमर हो गई, जिन्हें हम आज भी याद करते हैं। ऐसी ही एक वीरांगना रानी दुर्गावती हैं जिन्होंने अपने राज्य की रक्षा के लिए मुगलों से युद्ध कर वीरगति को …

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राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिये सर्वोच्च बलिदान

23 जून 1953 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान: विशेष आलेख सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और क्राँतिकारी विचारक डाक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 23 जुलाई 1901 को बंगाल के अति प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। उनके पिता आशुतोष मुखर्जी सुप्रसिद्ध शिक्षाविद् और बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। …

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भारत की विश्व मानवता को देन योग विद्या

21 जून विश्व योग दिवस विशेष आलेख योग, आध्यात्मिक भारत को जानने और समझने का एक माध्यम है। इसके साथ ही योग भारत की संस्कृति और विरासत से भी घनिष्ठता रखता है। संस्कृत में योग का अर्थ है “एकजुट होना।” योग स्वस्थ जीवन वन्य जीवन का वर्णन करता है। योग …

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प्राचीन तालाब संस्कृति और रायपुर के तालाब

पानी सहेजते तालाब सदियों बनते रहे हैं जो अतीत की धरोहर बनें हमारी जीवनचर्या का कभी एक अभिन्न अंग थे। तालाब बनवाना, कुआं खुदवाना एक धार्मिक कार्य था। जहां नदियां नहीं थी वहां तालाब ही सब की प्यास बुझाते थे। छत्तीसगढ़ में हजारों हजार तालाब समय समय पर बनाएं गये। …

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भारत के स्वतंत्रता सेनानियों पर स्वामी विवेकानंद का प्रभाव

भारत के राष्ट्रीय आंदोलन पर स्वामी विवेकानंद के प्रभाव का वर्णन स्वयं स्वतंत्रता के नायकों ने किया है। गांधीजी जब 1901 में पहली बार कांग्रेस अधिवेशन में हिस्सा लेने कलकत्ता पहुंचे तो उन्होंने स्वामी जी से मिलने का प्रयास भी किया था। अपनी आत्मकथा में गांधी लिखते हैं कि उत्साह …

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