Home / इतिहास (page 5)

इतिहास

इतिहास विभाग में वैदिक साहित्य में इतिहास, पौराणिक इतिहास, जनजातीय कथाओं में इतिहास, रामायण, महाभारत एवं जैन-बौद्ध ग्रंभों में इतिहास, भारतीय राजवंशो का इतिहास, विदेशी आक्रमणकारियों (मुगल एवं अंग्रेज) का इतिहास, स्वात्रंत्येतर इतिहास, बस्तर भूमकाल विद्रोह, नक्सल इतिहास, घुमक्कड़ परिव्राजक ॠषि मुनि तथा आदिम बसाहटों के इतिहास को स्थान दिया गया है।

अंग्रेजों एवं ईसाई मिशनरियों के छक्के छुड़ाने वाली क्रांतिकारी रानी गाइदिनल्यू

गणतंत्र दिवस विशेष आलेख 26 जनवरी भारत के लिये अति पवित्र दिन है। यह भारत के गणतंत्र का उत्सव दिवस है। दासत्व के एक लंबे अंधकार के बाद भारतीय जीवन में अपना संविधान आया था। भारतीय गणतंत्र की वर्षगाँठ के साथ इस दिन एक और गौरव मयी स्मृति जुड़ी हुई …

Read More »

वैश्विक संस्कृति में श्रीराम एवं रामकथाएं

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और उनकी यशगाथा रामायण केवल भारत में नहीं अपितु पूरे संसार रची बसी है। बीस से अधिक देशों में उनकी अपनी लोकभाषा में रामायण उपलब्ध है। अनेक देशों के पुरातात्विक अनुसंधान में राम सीता जैसी छवियाँ, काष्ठ या भीति चित्र मिले हैं। राम और रामायण की …

Read More »

श्रीराम भक्त स्वामी विवेकानंद

इतिहास साक्षी है कि पुण्यभूमि भारत की गाथा सहस्त्रों वर्षों के कठोर संघर्ष की गौरव गाथा है। इस शांतिप्रिय देश पर निरंतर कुठाराघात होने के कारण यहाँ के जनमानस में घोर निराशा छा गई थी। भारतवासियों का स्वाभिमान सो गया था, यह देश अपना गौरवशाली इतिहास, अपनी महान संस्कृति, अस्तित्व …

Read More »

सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज और सरदार पटेल

23 जनवरी नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती दुनिया के दूसरे देशों के इतिहास में भी ऐसा हुआ है कि अंतिम चरण में सत्ता परिवर्तन और आजादी के आगमन में आमने-सामने वाला हिंसक युद्ध घटित हुआ। अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में जॉर्ज वाशिंगटन के नेतृत्व में ब्रिटेन के खिलाफ युद्ध हुआ और …

Read More »

भारतीय संस्कृति के परम आदर्श एवं युग पुरुष श्रीराम

महर्षि अरविन्द कहते हैं कि श्रीराम का अवतार किसी आध्यात्मिक साम्राज्य की स्थापना के लिए नहीं हुआ था। राम परमात्मा थे, जिन्होंने मानवीय मानसिकता के आधार को स्वीकार किया और उसे शोभामय सम्मान दिया। माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर कहते हैं कि संपूर्ण भारतीय समाज के लिए समान आदर्श के रूप में …

Read More »

स्वतंत्रता संग्राम के अमर बलिदानी : हेमू कालाणी

21 जनवरी 1943 सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी हेमू कालाणी बलिदान दिवस भारतीय सवाधीनता संग्राम असंख्य बलिदानों का इतिहास है। हजारों लाखों जीवन की आहूति के बाद ही भारत में स्वतंत्रता का सूर्य उदित हो सका। ऐसे ही एक अमर बलिदानी हैं हेमू कालाणी। संभवतः उनका जन्म ही स्वाधीनता संग्राम के लिये हुआ …

Read More »

सामाजिक समरसता के आदर्श प्रतीक श्रीराम

भगवान राम लोक के आदर्श हैं तथा लोक के कण-कण में समाहित हैं, उन्हें समाज के आदर्श पुरुष के रुप में जाना जाता है इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। उनके चरित्र में सामाजिक समरसता परिलक्षित होती है, वे समाज के प्रत्येक अंग को लेकर साथ चलते हैं तथा …

Read More »

अंग्रेजों से मुक्ति के लिये छत्तीसगढ़ के परलकोट में सशस्त्र क्राँति

भारत को अंग्रेजों से मुक्ति सरलता से नहीं मिली। पूरा देश मानों भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराने उठ खड़ा हुआ था। क्या नगर वासी, क्या ग्राम वासी और क्या वनवासी। सभी क्षेत्रों में क्रान्ति की ज्वाला धधक उठी। ऐसे ही क्राँतिकारी थे वनवासी गेंद सिंह जिन्होने छत्तीसगढ के बस्तर …

Read More »

जहाँ श्रीराम जानकी मंदिर में रावण का पहरा है

छत्तीसगढ़ के नवगठित मुंगेली जिले की पश्चिमी सीमा पर टेसुवा नाला के तट पर स्थित सेतगंगा में एक अद्वितीय श्रीराम जानकी मंदिर है, जिसकी तीन विशेषताएं हैं। पहला, यहां नर्मदा कुंड है। दूसरा, यहां के मंदिर की दीवारों में मिथुन मूर्तियां हैं और तीसरा, मंदिर के द्वार पर रावण की …

Read More »

भारत के एक प्रकाशमान नक्षत्र महाराणा प्रताप

हिन्दू वीर महाराणा प्रताप पुण्यतिथि 19 जनवरी विशेष आलेख भारतीय इतिहास के एक प्रकाशमान नक्षत्र हैं चित्तौड़ के राणा प्रताप। जो न किसी प्रलोभन से झुके और न किसी बड़े आक्रमण से भयभीत हुये। उन्होंने स्वाधीनता और स्वाभिमान के लिये जीवन भर संघर्ष किया और अकबर को पराजित किया। मुगल …

Read More »