01 जनवरी 1948 को पांच देशी रियासतों क्रमशः रायगढ़, सारंगढ़, धरमजयगढ़, जशपुर और सक्ती रियासतों को मिलाकर रायगढ़ जिला का निर्माण किया गया था। 1956 में राज्य पुनर्गठन के पश्चात् सक्ती और खरसिया तहसील के कुछ भाग बिलासपुर जिले में सम्मिलित कर दिये गये। रायगढ़ नगर के नाम पर जिले …
Read More »डिप्टी कलेक्टर पद त्यागकर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले सेनानी
18 सितम्बर 1958 : डा.भगवान दास का निधन, स्वतंत्रता के बाद पहला “भारत रत्न” सम्मान भारतीय स्वाधीनता संग्राम का इतिहास ऐसे विविध सेनानियों से भरा है जो अपने स्वर्णिम जीवन स्तर का परित्याग करके आँदोलनकारी बने और जेल गये। डॉ भगवान दास ऐसे ही स्वतंत्रता सेनानी हैं जिन्होंने डिप्टी कलेक्टर …
Read More »प्राचीन धरोहरें भारतीय शिल्पकला का अनुपम उदाहरण
17 सितम्बर भगवान विश्वकर्मा पूजा विशेष आलेख आज 17 सितम्बर भगवान विश्वकर्मा को स्मरण करने का दिन है, शासकीय तौर पर उनकी पूजा के लिए नियत तिथि है। इस दिन संसार के सभी निर्माण के कर्मी भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना करके अपने निर्माण कार्य में कुशलता की कामना करते …
Read More »ऐसे क्रांतिकारी जिनका निर्जीव शरीर समुद्र में फेक दिया गया
क्राँतिकारी महावीर सिंह राठौर का जन्म दिवस 16 सितम्बर विशेष जेल की प्रताड़ना से हुआ था बलिदान कोई कल्पना कर सकता है ऐसे मानसिक दृढ़ संकल्प की कि पुलिस की हजार प्रताड़नाओं के बाद भले प्राण चले जायें पर संकल्प टस से मस न हो। ऐसे ही संकल्पवान क्राँतिकारी थे …
Read More »गौरक्षा और सामाजिक समरसता के लिये जीवन समर्पित करने वाले स्वामी ब्रह्मानंद
भारत की स्वतंत्रता के संघर्ष में जितना योगदान सार्वजनिक संघर्ष करने वाले राजनेताओं का है उससे कहीं अधिक उन संतों का भी है जिन्होंने सार्वजनिक संघर्ष में तो सहभागिता की और जेल गये पर अपना पूरा जीवन सामाजिक और साँस्कृतिक जागरण के लिये समर्पित किया। स्वामी ब्रह्मानंद जी ऐसे ही …
Read More »कुशल प्रशासक, शिक्षाशास्त्री और साहित्यकार बल्देवप्रसाद मिश्र
12 सितंबर जयंती विशेष आलेख छत्तीसगढ़ का पूर्वी सीमान्त जनजातीय बाहुल्य जिला रायगढ़ केवल सांस्कृतिक ही नहीं बल्कि साहित्यिक दृष्टि से भी सम्पन्न रहा है। रियासत काल में यहां के गुणग्राही राजा चक्रधरसिंह के दीवान, सुप्रसिद्ध साहित्यकार और तुलसी दर्शन के रचनाकार डॉ. बल्देवप्रसाद मिश्र थे। उन्हीं की सलाह पर …
Read More »महादेवी वर्मा का रचना संसार
हिंदी साहित्य की प्रतिभाशाली कवयित्री एवं छायावाद के चार प्रमुख आधार स्तंभों में से एक तथा आधुनिक युग की मीरा कही जाने वाली महादेवी वर्मा का जन्म उत्तरप्रदेश के फ़ारुखाबाद में एक कायस्थ परिवार में 26 मार्च1907 को हुआ था। सात पीढ़ियों बाद पुत्री जन्म से इनके बाबा बाबू बाँके …
Read More »विश्व हितैषी स्वामी विवेकानन्द
11 सितम्बर, 1893 विश्वबंधुत्व दिवस विशेष आलेख अयं निजः परोवेति गणना लघुचेतसाम् ।उदारचरितानां तु वसुधैवकुटुम्बकम् ॥ (महोपनिषद्, अध्याय ६, मंत्र ७१)यह नीति वाक्य सदियों से हमारी प्राचीन सनातन संस्कृति और भारतवर्ष के श्रेष्ठ चरित्र का परिचायक है। विश्व के इतिहास में एक स्वर्णिम कालखण्ड ऐसा भी रहा है जब भारत …
Read More »छत्तीसगढ़ी का व्याकरण रचने वाले काव्योपाध्याय हीरालाल
हमारा देश जब अंग्रेजों की गुलामी में जकड़ा हुआ था और चारों ओर त्राहि त्राहि मची हुई थी तब छत्तीसगढ़ भी इससे अछूता नहीं था। यहां भी गांधी, नेहरू और सुभाषचंद्र जैसे सपूत हुए जिन्होंने यहां जन जागृति फैलायी। इनमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और साहित्यकार थे जिन्होंने अपनी काव्यधारा प्रवाहित …
Read More »हर जेल यात्रा में ग्रंथ तैयार करने वाले सेनानी साहित्यकार
9 सितम्बर 1968 : स्वतंत्रता संग्राम सेनानी साहित्यकार रामवृक्ष बेनीपुरी पुण्यतिथि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम विविधता से भरा है। क्राँतिकारी और अहिसंक आँदोलन के साथ अन्य धाराओं में एक ऐसी धारा भी रही जिसने प्रत्यक्ष आँदोलनों में सहभागिता के साथ ऐसी साहित्य रचना भी की जिसने जन सामान्य को झकझोर और …
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