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इतिहास

इतिहास विभाग में वैदिक साहित्य में इतिहास, पौराणिक इतिहास, जनजातीय कथाओं में इतिहास, रामायण, महाभारत एवं जैन-बौद्ध ग्रंभों में इतिहास, भारतीय राजवंशो का इतिहास, विदेशी आक्रमणकारियों (मुगल एवं अंग्रेज) का इतिहास, स्वात्रंत्येतर इतिहास, बस्तर भूमकाल विद्रोह, नक्सल इतिहास, घुमक्कड़ परिव्राजक ॠषि मुनि तथा आदिम बसाहटों के इतिहास को स्थान दिया गया है।

तेरह वर्ष की आयु से चला गिरफ्तारी और रिहाई का सिलसिला : क्राँतिकारी मन्मन्थनाथ गुप्त

26 अक्टूबर 2000 सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी और लेखक मन्मन्थनाथ गुप्त पुण्यतिथि विशेष सुप्रसिद्ध साहित्यकार और क्राँतिकारी मन्मन्थनाथ गुप्त ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे जिनकी गिरफ्तारियाँ तीनों कार्यों में हुई। क्राँति के प्रचार में, क्राँति में सहभागिता में और साहित्य रचना में भी। उनकी पहली गिरफ्तारी तेरह वर्ष की आयु में हुई …

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गौरक्षा के लिये 166 दिन अनशन कर देश में जाग्रति उत्पन्न की : संत रामचंद्र वीर

12 अक्टूबर 1909 सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और संत रामचंद्र वीर का जन्म दिवस स्वामी रामचंद्र वीर एक ऐसे संत और राष्ट्रीय संस्कृति के लिये समर्पित विभूति थे जिन्होंने दासत्व काल में जहाँ स्वतंत्रता के लिये संघर्ष किया तो स्वतंत्रता के बाद स्वत्व, स्वाभिमान और सांस्कृतिक मूल्यों की प्रतिष्ठापना के …

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राष्ट्र जागरण और गौरक्षा के लिये समर्पित जीवन : संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी

9 अक्टूबर 1885 सुप्रसिद्ध संत और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रभुदत्त ब्रह्मचारी का जन्म दिवस भारतीय स्वतंत्रता के लिये जितना संघर्ष प्रत्यक्ष आँदोलन के लिये हुआ उससे कहीं अधिक उस अप्रत्यक्ष संघर्ष में जीवन समर्पित हुये जिन्होंने स्वाधीनता आँदोलन में तो भाग लिया ही साथ ही भारतीय संस्कृति के मानविन्दुओं और …

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छत्तीसगढ़ में रामानंद सम्प्रदाय के मठ एवं महंत

शिवरीनारायण में चतुर्भुजी विष्णु मूर्तियों और मंदिरों की अधिकता के कारण यह क्षेत्र प्राचीन काल से श्री पुरूषोत्तम और श्री नारायण क्षेत्र के रूप में विख्यात था। जगन्नाथ पुरी के भगवान जगन्नाथ को शिवरीनारायण से ही पुरी ले जाने का उल्लेख उड़िया कवि सरलादास ने चौदहवीं शताब्दी में किया था। …

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रानी दुर्गावती से युद्घ में मारा गया था शेरशाह सूरी

सामान्यतः हम रानी दुर्गावती को गोंडवाना की महारानी के रूप में जानते हैं और यह भी जानते हैं कि उन्होंने अकबर के आक्रमण का पुरजोर उत्तर दिया था। वे आसफ खाँ की उस कुटिल रणनीति का शिकार बनीं थीं जो उसने जबलपुर के नरई नाले पर धोखे की जमावट की …

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मुगल सेना के छक्के छुड़ाने वाली वीरांगना रानी दुर्गावती

5 अक्टुबर रानी दुर्गावती जन्म दिवस विशेष रानी दुर्गावती हमारे देश की वो वीरांगना है, जो अपने राज्य की रक्षा के लिए मुगलों से युद्ध कर वीरगति को प्राप्त हो गई। वे बहुत ही बहादुर और साहसी महिला थीं, जिन्होंने अपने पति की मृत्यु के बाद न केवल उनका राज्य …

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गांधी को समझने के लिए गांधी दर्शन को समझना नितांत आवश्यक

गाँधी का विश्व-क्षितिज पर आना एक विलक्षण घटना थी। गांधी अपने आप मे एक पूर्ण युग थे, एक ऐसा युग जिसे देख कर विश्व पटल पर हर कोई अचम्भित रह जाता है। उनके व्यक्तित्व व कृतित्व के आगे उनके शत्रु भी विवश हो उन्हें यह कहने को बाध्य हो गए …

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रानी हंसादेवे सहित नौ सौ क्षत्राणियों का जौहर

27 सितम्बर 1310 सिवाणा में पहला जौहर मध्यकाल में हुये भीषण विध्वंस और नरसंहार के बीच रोंगटे खड़े कर देने वाली ऐसी अगणित वीरगाथाएँ हैं जिनमें अपने स्वत्व और स्वाभिमान की रक्षा केलिये क्षत्रियों ने केशरिया बाना धारण कर बलिदान दिया और क्षत्राणियों ने अपनी सखी सहेलियों सहित अग्नि में …

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पुरुषार्थ चतुष्टय का व्यावहारिक स्वरुप एकात्म मानव दर्शन

25 सितम्बर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म दिवस विशेष आलेख विश्व की आधुनिक शासन प्रणालियों में बहुत से बहुत से सिद्धांत सामने आये। इन सिद्धातों को सूत्र रूप प्रस्तुत करने के लिये कुछ शब्द भी आये। जैसे साम्यवाद, पूँजीवाद, समाजवाद, आदि। दीनदयाल जी ने इन सबकों अपूर्ण और अव्यवहारिक बताया और …

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एकात्म मानववाद की विचारधारा देने वाले : पं. दीनदयाल उपाध्याय

पं. दीनदयाल उपाध्याय जी का जन्म 25 सितम्बर 1916 उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के नगला चंद्रभान गांव में हुआ था। उनके पिता, भगवती प्रसाद, एक प्रसिद्ध ज्योतिषी थे और उसकी मां श्रीमती राम प्यारी एक धार्मिक विचारधारा वाली महिला थी। रेल की नौकरी होने के कारण उनके पिता का …

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