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Yearly Archives: 2019

अत्यावश्यक है प्राचीन पद्धति से वर्षा जल सरंक्षण

मानसून की पहली फ़ुहार के साथ वर्षा ॠतु आगमन हो गया है। मई-जून की भीषण गर्मी में जिस तरह लोगों ने जल संकट का सामना किया उसे देखकर लगता है कि आने वाले भविष्य में जल संकट भयानक रुप लेने वाला है। वर्षा जल का संग्रहण आवश्यक हो गया है। …

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भारत के ईंटो से निर्मित प्राचीन मंदिर

भारत में गुप्तकाल से मंदिर-देवालय निर्माण कार्य में भव्यता दिखाई देने लगती है। इस काल में प्रस्तर निर्मित मंदिरों की बहुलता दिखाई देती है। कुछ स्थानों पर ईष्टिका निर्मित मंदिर भी हैं, जो कि निर्माण कला की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। पकी लाल ईंटों से निर्मित ये मंदिर शिल्पकारों की …

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योगश्चित्त वृत्ति निरोध: योग दिवस विशेष

भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा योग है, यह विद्या भारत में प्राचीन काल से है और योगी जन के साथ सामान्य जन भी इसका लाभ उठा रहे हैं। योग न केवल आपके शरीर को रोगों से दूर रखता है बल्कि आपके मन को भी शांत रखने का काम करता है। …

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बस्तर की माड़िया जनजाति का गौर नृत्य एवं गौर

बस्तर की संस्कृति में पशु पक्षियों का बड़ा महत्व है, ये तोता, मैना, मुर्गा इत्यादि पक्षियों को का पालन तो ये करते ही हैं, इसके साथ इनके पारम्परिक नृत्यों में गौर के सींग का प्रयोग महत्वपूर्ण है। गौर के सींग का मुकुट बनाकर इसे नृत्य के अवसर पर पहना जाता …

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प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण का पर्व वट सावित्री पूर्णिमा

आदि मानव सभ्यता के विकास के क्रम में ही प्रकृति का महत्व जान गया था, जिसमें नदी, पहाड़, वृक्ष, वन, वायु, अग्नि आकाशादि तत्वों की उसने पहचान कर ली थी और इनका प्रताप भी देख चुका था। इनको उसने देवता माना एवं इनकी तृप्ति का वैज्ञानिक साधन यज्ञ के रुप …

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ताको नाम कबीर : कबीर पूर्णिमा

भारत में कोई ऐसा व्यक्ति हुआ है, जिसके साहित्य पर सबसे अधिक पीएचडी हुई हैं, उसका नाम कबीर है। कबीर भारत की संत परम्परा से आते हैं और आडम्बर के विरुद्ध समाज को मथ डालते हैं। उसके पश्चात जो नवनीत निकल कर आता है, उसे कबीर विचार धारा कहा जाता …

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भीम का बनाया यह मंदिर अधूरा रह गया

छत्तीसगढ़ के जांजगीर में कलचुरीकालीन भव्य विष्णु मंदिर है। यह जांजगीर नगरी कलचुरी राजा जाज्वल्य देव की नगरी है तथा विष्णु मंदिर कल्चुरी काल की मूर्तिकला का अनुपम उदाहरण है। मंदिर में जड़े पत्थर शिल्प में प्राचीन परंपरा को दर्शाया गया है। अधूरा निर्माण होने के कारण इसे “नकटा” मंदिर …

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आर्य इन्वेंशन थ्यौरी और छोटू-बड़कू

छोटू – बड़े भैया, ये AIT क्या होता है? बड़कू – AIT यानी Aryan Invasion Theory, यह एक प्रकार का सिद्धांत है | छोटू – ये सिद्धांत क्या होता है? बड़कू – सिद्धांत यानी एक कल्पना या एक अटकल जिससे किसी घटना का स्पष्टीकरण दिया जा सकता है, जैसे कि …

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दक्षिण कोसल का केदारनाथ शिवालय

केदारनाथ के नाम से ही स्पष्ट है कि यह एक शिवालय है, जो छत्तीसगढ़ के जिला मुख्यालय रायगढ़ से ओड़िशा के जिला मुख्यालय बरगढ़ जाने वाले रास्ते में तहसील मुख्यालय अम्बाभोना में मुख्य सड़क के किनारे स्थित है। पश्चिम ओड़िशा का यह इलाका कभी दक्षिण कोसल (छत्तीसगढ़) में समाहित था। …

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छत्तीगढ़ अंचल की प्राचीन प्रतिमाओं का केश अलंकरण

छत्तीसगढ़ अंचल के पुरास्मारकों की प्रतिमाओं में विभिन्न तरह के केश अलंकरण दिखाई देते हैं। मंदिरों की भित्तियों में स्थापित प्रतिमाओं में कालखंड के अनुरुप स्त्री-पुरुष का केश अलंकरण दिखाई देता है। उत्त्खनन में केश संवारने के साधन प्राप्त होते हैं, जिनमें डमरु (बलौदाबाजार) से प्राप्त हाथी दांत का कंघा …

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