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मकर संक्रांति पर्व का महत्व एवं गंगा सागर स्नान दर्शन

सूर्य का मकर राशि में प्रवेश ‘संक्रांति‘ कहलाता है। सूर्य का मकर रेखा से उत्तरी कर्क रेखा की ओर जाना उत्तरायण और कर्क रेखा से दक्षिण मकर रेखा की ओर जाना दक्षिणायन कहलाता है। जब सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होने लगता है तब दिन बड़े और रात छोटी होने लगती …

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फाँसी से पहले हथौड़े से जिनके दाँत तोड़े, नाखून उखाड़े गये

12 जनवरी 1934 : दो क्राँतिकारियों सूर्यसेन और तारकेश्वर दत्त का बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास साधारण नहीं है। इसमें बलिदान के कुछ ऐसे प्रसंग भी हैं जिन्हें पढ़कर आत्मा काँप उठती है। क्राँतिकारी सूर्यसेन और तारकेश्वर दत्त को फाँसी देने से पहले अमानवीय यातनाएँ दी गई, हथौड़े से …

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भारतीय इतिहास में मुगलों का बड़ा सैन्य समर्पण

7 जनवरी 1738 : भोपाल युद्ध और दोराहा संधि इतिहास के पन्नों में एक ओर आक्रांताओं के क्रूरतम अत्याचार और विध्वंस का वर्णन है तो दूसरी ओर भारतीयों के शौर्य का विवरण भी। भोपाल के समीप हुआ यह एक ऐसा युद्ध था जिसमें मुगल, निजाम हैदराबाद, अवध एवं भोपाल नबाब …

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भारतीय राजनीति के प्रकाश स्तंभ अटल बिहारी वाजपेयी

अटल बिहारी बाजपेयी ने भारतीय राजनीति को छ: दशकों से करीब से देखा और जिया है। उन्होंने भारतीय राजनीति में अपना सुदढ़ दखल रखा और देश के तीन बार प्रधानमंत्री रहे। संसद में सशक्त विपक्ष के बतौर एवं प्रधानमंत्री रहते हुए उनके द्वारा देशहित में लिये गये निर्णयों के लिए …

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सद्कर्म की प्रेरणा देती है भगवद्गीता

“जब शंकाएं मुझ पर हावी होती हैं, और निराशाएं मुझे घूरती हैं, जब दिगंत में कोई आशा की किरण मुझे नजर नहीं आती, तब मैं गीता की ओर देखता हूं।” – महात्मा गांधी। संसार का सबसे पुराना दर्शन ग्रन्थ है भगवद्गीता। साथ ही साथ विवेक, ज्ञान एवं प्रबोधन के क्षेत्र …

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भव्य होगी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा

अयोध्या में भव्य आकार ले रहे रामजन्म स्थान मंदिर ने अब अंतरराष्ट्रीय स्वरूप ले लिया है। पूरी दुनियाँ में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा दिवस की अधीरता से प्रतीक्षा की जा रही है। निर्माण के लिये 155 देशों से जल आया है, अमेरिका से एक श्रृद्धालु ने दान भेजा है तो …

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क्राँतिकारियों का मिलन केन्द्र था यह आश्रम

12 दिसंबर 1896 : सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाबा राघवदास का जन्म संत राघवदास स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, दार्शनिक और एक ऐसे आध्यात्मिक कार्यकर्ता थे। जिनका पूरा जीवन समाज की सेवा और सामाजिक समरसता के लिए समर्पित रहा। उनका आश्रम क्राँतिकारियो और अहिसंक आँदोलनकारी दोनों की गतिविधि स्थल था। वे …

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अंग्रेजों के विरुद्ध सशस्त्र क्रांति करने वाले : वीर नारायण सिंह

स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी भारत में सुलग रही थी और राजे-रजवाड़े अंग्रेजी दमन के कारण अंग्रेजों के खिलाफ़ लामबंद हो रहे थे। उस समय यह स्वतंत्रता आन्दोलन पूरे भारत में फ़ैल रहा था। छत्तीसगढ़ अंचल भी इससे अछूता नहीं था। यहाँ भी 1857 के आन्दोलन में स्वतंत्रता की चाह लिए …

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निर्भीक चिंतक और इतिहासकार वैद्य गुरुदत्त

8 दिसम्बर 1894 : निर्भीक चिंतक और इतिहासकार वैद्य गुरुदत्त का जन्म दिवस भारत को स्वतंत्र हुये सत्तहत्तर वर्ष हो गये हैं पर अभी भी ऐसी जन भावना मुखर नहीं हो सकी जो उन राष्ट्रसेवियों का खुलकर सम्मान करे जिन्होने राज्याश्रय की बिना परवाह किये परतंत्रता के अंधकार के बीच …

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बलिदानी सैनिकों की सहायता के लिए मनाया जाता है सशस्त्र सेना झंडा दिवस

भारत में प्रति वर्ष सशस्त्र सेना झंडा दिवस 7 दिसंबर 1949 से हर साल मनाया जाता है। यह भारतीय सशस्त्र सेना बलों के कर्मियों के कल्याण के लिए भारत की जनता से धन जमा करने के प्रति समर्पित एक दिन हैं। इस दिन शहीदों और वीर सेनानियों को सम्मानित किया …

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