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Tag Archives: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम

तेरह वर्ष की आयु से चला गिरफ्तारी और रिहाई का सिलसिला : क्राँतिकारी मन्मन्थनाथ गुप्त

26 अक्टूबर 2000 सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी और लेखक मन्मन्थनाथ गुप्त पुण्यतिथि विशेष सुप्रसिद्ध साहित्यकार और क्राँतिकारी मन्मन्थनाथ गुप्त ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे जिनकी गिरफ्तारियाँ तीनों कार्यों में हुई। क्राँति के प्रचार में, क्राँति में सहभागिता में और साहित्य रचना में भी। उनकी पहली गिरफ्तारी तेरह वर्ष की आयु में हुई …

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अंग्रेजों के मनोरंजन क्लब को बम से उड़ाने वाली महिला क्रांतिकारी

24 सितम्बर बलिदान दिवस विशेष आलेख भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में ऐसे असंख्य बलिदान हुये जिनका इतिहास की पुस्तकों में वर्णन शून्य जैसा है। जबकि उनक कार्य स्वर्णाक्षरों में उल्लेख करने लायक हैं। इनमें से एक हैं महिला क्रांतिकारी प्रीतिलता वादेदार जिन्होंने 24 सितम्बर 1932 में अंग्रेजों की पुलिस से …

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डिप्टी कलेक्टर पद त्यागकर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले सेनानी

18 सितम्बर 1958 : डा.भगवान दास का निधन, स्वतंत्रता के बाद पहला “भारत रत्न” सम्मान भारतीय स्वाधीनता संग्राम का इतिहास ऐसे विविध सेनानियों से भरा है जो अपने स्वर्णिम जीवन स्तर का परित्याग करके आँदोलनकारी बने और जेल गये। डॉ भगवान दास ऐसे ही स्वतंत्रता सेनानी हैं जिन्होंने डिप्टी कलेक्टर …

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ऐसे क्रांतिकारी जिनका निर्जीव शरीर समुद्र में फेक दिया गया

क्राँतिकारी महावीर सिंह राठौर का जन्म दिवस 16 सितम्बर विशेष जेल की प्रताड़ना से हुआ था बलिदान कोई कल्पना कर सकता है ऐसे मानसिक दृढ़ संकल्प की कि पुलिस की हजार प्रताड़नाओं के बाद भले प्राण चले जायें पर संकल्प टस से मस न हो। ऐसे ही संकल्पवान क्राँतिकारी थे …

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काकोरी क्रांति के लिए शस्त्र उपलब्ध कराने वाले सेनानी

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जो सशस्त्र क्राँतिकारी सामने आये और उनके जीवन का बलिदान हुआ। इनके साथ ऐसे क्राँतिकारी भी असंख्य हैं जिन्होंने क्राँतिकारियों को शस्त्र और अन्य साधन उपलब्ध कराये। इनमें एक प्रमुख नाम प्रेमकृष्ण खन्ना हैं। जिन्होंने न केवल चंद्रशेखर आजाद को माउजर पिस्टल उपलब्ध कराई अपितु काकोरी …

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भारत के हर कोने में नरसंहार किये थे अंग्रेजों ने

जलियाँवाला बाग नर संहार 13 अप्रैल 1919 : विशेष आलेख आज जलियाँ वाला बाग नरसंहार को एक सौ तेइस वर्ष हो गये। इस दिन जनरल डायर के आदेश पर स्त्री बच्चों सहित निर्दोष नागरिकों पर गोलियाँ चलीं थी, और लगातार दस मिनट तक चलतीं रहीं थीं। इसमें तीन सौ से …

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मैं धरती-आबा हूं! भगवान बिरसा मुंडा

झारखंड के छोटा नागपुर स्थित उलीहातु गाँव में 15 नवम्‍बर, 1875 को जन्में बिरसा मुंडा को जनजातीय समाज सहित संपूर्ण देश ने अपना भगवान माना है। बचपन से कुशाग्र बुद्धि के धनी बिरसा ने ईसाई षड्यंत्रों, सामाजिक कुरीतियों आदि को अपने तर्कों से पटखनी दी और जमकर प्रतिकार किया। वहीं, …

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झांसी मेरी है, मैं उसे कदापि नहीं दूंगी : वीरांगना लक्ष्मी बाई

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम हिन्दुस्तान की अद्वितीय वीरांगना के रूप में लिया जाता है। उनकी महत्ता का प्रमाण यही है कि सन् 1943 में जब नेता जी सुभाषचंद बोस ने सिंगापुर में आजाद हिंद फौज में स्त्रियों की एक रेजीमेंट बनाई तो उसका नाम ‘‘रानी झांसी रेजीमेंट’’ रखा …

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भारत माता के भक्त – भगत सिंह

(28 सितम्बर, जयन्ती पर विशेष) जागो तो एक बार जागो जागो तो जागे थे भगत सिंह प्यारे असेंबली में लग गए नारे ठप हो गयी सरकार जागो जागो तो . . . इस उत्साहवर्धक गीत के पश्चात् भैया प्रसंग बताने के लिए सामने आए। ‘हमारे बिगड़े दिमागों में बलिदानी विचार …

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