Home / Tag Archives: डॉ अशोक चतुर्वेदी

Tag Archives: डॉ अशोक चतुर्वेदी

होली के रंग, प्रीत के संग

(१)तन के तार का मूल्य नही, मन का तार बस भीगे जबपूर्ण चंद्र हो रस तरंग,बस प्रेम भाव ही जीते जब। धन धान्य धरा और धूम धाम, धरती करती है ठिठोली जब।मुरली की तान, करुणा निधान,प्रिय मोर मुकुट है होली तब। (२)बृजराज कृष्ण, बृजराज काव्य, बृजराज धरा, यमुना तरंग।मोहन के …

Read More »

बस राम लिखूं

रघुकुल गौरव, अवध सिया के, दशरथ कोशला राम लिखूं। या रावण हंता, दुष्ट दलंता, लंका विजई सम्मान लिखूं। है अनुज दुलारे भरत भाल, जिन पर मैं अपना स्वास लिखू।है अनुज दुलारे लखन लाल, जिन पर मैं अपना विश्वास लिखूं। ये सम्मानित राघव रघु कुल, ना काम क्रोध मद लोभ लिखूं।केवट …

Read More »

मैं कोसल का सौम्य पथिक

मैं चित्रोत्पला सा सरल तरल, हूँ तन मन  को सिंचित करता।मैं श्रृंगी पावन, अशेष चिन्ह, आगे बढ़ता ,,,,, राघव गढ़ता। मैं कोसल का सौम्य पथिक, जिन कौशल्या ने राम जना।उस चरित कौसला का आशीष, जिसने जग में  श्रीराम गढ़ा।। माथे पर चंदन ,रघुनंदन, राजीव लोचन, अद्वैत रक्ष।ये चार भाई मात्र …

Read More »

पकड़ लो हाथ रघुनन्दन

पकड़ लो हाथ रघुनन्दन, ये दिल फिर टूट ना जाए।प्रभु अब दे दो तुम दर्शन, कही सब छूट ना जाए।। समझ आती नही दुनिया, कठिन जीवन का ये आकार।यहां पल पल में है धोखा, कठिन तेरा है ये संसार।दिला दो ,शीश में आशीष, चरण रज छूट ना जाये।पकड़ लो हाथ …

Read More »