बंगाल के अंग्रेज कलेक्टर को गोली मारने वाली बहादूर बालिकाएं

14 दिसम्बर विशेष आलेख कोई कल्पना कर सकता है केवल चौदह वर्ष की दो बालिकाओं की वीरता की जिन्होंने अंग्रेजी राज में अंग्रेज कलेक्टर के कार्यालय में घुसकर गोली मारी और ढेर कर दिया। सुनीति चौधरी और शांति घोष दो ऐसी वीर बालिकाएँ थीं। जिन्हे कालापानी भेजा गया। आजकल त्रिपुरा …

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संगीत और नृत्य का संगम प्रो. कल्याणदास महंत

नृत्य सम्राट प्रो. कल्याणदास, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय नियुक्त बड़ी हस्तियों में थे। वे छुट्टी के दिनों में बराबर अपने निवास स्थान रायगढ़ आते थे, जहाँ उनका स्वयं का मकान है। परिवार उस समय यहीं था। उन दिनों हम लोगों की चक्रधर कला परिषद हुआ कल्याण दास महन्त लेखक के …

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क्राँतिकारियों का मिलन केन्द्र था यह आश्रम

12 दिसंबर 1896 : सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाबा राघवदास का जन्म संत राघवदास स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, दार्शनिक और एक ऐसे आध्यात्मिक कार्यकर्ता थे। जिनका पूरा जीवन समाज की सेवा और सामाजिक समरसता के लिए समर्पित रहा। उनका आश्रम क्राँतिकारियो और अहिसंक आँदोलनकारी दोनों की गतिविधि स्थल था। वे …

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अंग्रेजों के विरुद्ध सशस्त्र क्रांति करने वाले : वीर नारायण सिंह

स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी भारत में सुलग रही थी और राजे-रजवाड़े अंग्रेजी दमन के कारण अंग्रेजों के खिलाफ़ लामबंद हो रहे थे। उस समय यह स्वतंत्रता आन्दोलन पूरे भारत में फ़ैल रहा था। छत्तीसगढ़ अंचल भी इससे अछूता नहीं था। यहाँ भी 1857 के आन्दोलन में स्वतंत्रता की चाह लिए …

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निर्भीक चिंतक और इतिहासकार वैद्य गुरुदत्त

8 दिसम्बर 1894 : निर्भीक चिंतक और इतिहासकार वैद्य गुरुदत्त का जन्म दिवस भारत को स्वतंत्र हुये सत्तहत्तर वर्ष हो गये हैं पर अभी भी ऐसी जन भावना मुखर नहीं हो सकी जो उन राष्ट्रसेवियों का खुलकर सम्मान करे जिन्होने राज्याश्रय की बिना परवाह किये परतंत्रता के अंधकार के बीच …

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बलिदानी सैनिकों की सहायता के लिए मनाया जाता है सशस्त्र सेना झंडा दिवस

भारत में प्रति वर्ष सशस्त्र सेना झंडा दिवस 7 दिसंबर 1949 से हर साल मनाया जाता है। यह भारतीय सशस्त्र सेना बलों के कर्मियों के कल्याण के लिए भारत की जनता से धन जमा करने के प्रति समर्पित एक दिन हैं। इस दिन शहीदों और वीर सेनानियों को सम्मानित किया …

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डॉ. आम्बेडकर का राष्ट्रवाद

भारतीय संविधान के निर्माता कहे जाने वाले डॉ. भीमराव आम्बेडकर के बारे में बहुत सी भ्रातियां हैं। जैसे वह सवर्ण हिन्दुओं के विरोधी थे, वह मात्र अनुसूचित जातियों के बारे में सोचते थे और उनकी ही चिंता करते थे। पर सच्चाई इससे कोसो दूर है। असलियत यह है कि उन्होंने …

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कुदरत का नजारा, धाँस की जलधारा

नदी-कछार, जंगल-पहार, खेत-खार, पशु-पक्षी यानी कि प्रकृति ने मेरे बालमन को सदैव अपनी ओर आकर्षित किया है। 40 वर्षों तक पढ़ते-पढ़ाते स्कूल में बच्चों के बीच रहा। सेवा-निवृत्ति के बाद आज भी मेरे अंतस मे बाल स्वभाव नित हिलोरें लेता है। बच्चों को देखकर मन स्मृतियों में खो जाता है। …

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भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद

भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद जनम दिवस 3 दिसम्बर विशेष भारत में कुछ नेता ऐसे हुए हैं जिन्हें आज भी उनके उसूलों एवं कार्यों के लिए याद किया जाता है। भले ही उनका जन्म एक छोटे गाँव में हुआ हो परन्तु उनकी ख्याति अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक आज भी …

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राजनैतिक संघर्ष के साथ स्वाभिमान और सामाजिक जागरण अभियान चलाने वाले काका कालेलकर

1 दिसम्बर 1885 : सुविख्यात शिक्षाशास्त्री, पत्रकार और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी काका कालेलकर का जन्म दिवस भारतीय स्वाधीनता संग्राम में कुछ सेनानी ऐसे भी हैं जिन्होंने अपना संघर्ष केवल राजनैतिक अथवा अंग्रेजों से मुक्ति तक ही सीमित न रखा अपितु उन्होंने जीवन भर स्वाभिमान और सामाजिक जागरण का अभियान चलाया। …

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