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Tag Archives: श्री रमेश शर्मा

क्राँतिकारी पत्रकार और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कुमाऊँ केशरी बद्रीदत्त पांडेय

15 फरवरी 1882 को जन्मे बद्रीदत्त पांडेय का पूरा जीवन राष्ट्र और संस्कृति रक्षा को समर्पित जिस प्रकार प्रातःकालीन सूर्योदय के लिये करोड़ो पलों की उत्सर्ग होता है उसी प्रकार भारत राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिये भी करोड़ो जीवन के बलिदान हुये हैं । कुछ नाम सामने आ रहे हैं …

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वीर बुधु भगत का बलिदान : अंग्रेजों द्वारा क्रूर सामुहिक नरसंहार

भारतीय स्वाधीनता के संघर्ष में कितने बलिदान हुये इसका विस्तृत वर्णन कहीं एक स्थान पर नहीं मिलता। जिस क्षेत्र के इतिहास पर नजर डालों वहाँ संघर्ष और बलिदान की रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानियाँ मिलती हैं। ऐसी ही कहानी क्राँतिकारी बुधु भगत की है जिन्होंने जीवन की अंतिम श्वाँस …

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अंग्रेजों के विरुद्ध वनवासी संघर्ष के नायक : तिलका मांझी

11 फरवरी 1750 क्रांतिकारी तिलका मांझी जन्म दिवस विशेष भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के इतिहास में वीरता और बलिदान की अद्भुत घटनायें दर्ज हैं। ऐसे ही एक बड़े संघर्ष का विवरण संथाल परगने में मिलता है। जिसके नायक वनवासी तिलका मांझी थे। जिन्हें अंग्रेजों ने चार घोड़ो से बाँध कर जमीन …

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सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी डॉ गया प्रसाद कटियार

10 फरवरी 1993 : का निधन, स्वतंत्रता के बाद जन आंदोलन में दो वर्ष जेल में रहे भारतीय स्वाधीनता संग्राम में कुछ ऐसे सेनानी हुये जिनका पूरा जीवन संघर्ष में बीता। पहले स्वतंत्रता के लिये अंग्रेजों से संघर्ष किया और स्वतंत्रता के बाद जन समस्याओं के निवारण के लिये अपनी …

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गीतों की शब्द शक्ति से राष्ट्रभक्ति और स्वाभिमान जागरण की यात्रा

6 फरवरी 1915 : कवि प्रदीप का जन्म दिवस मध्यप्रदेश के बड़नगर में भारतीय स्वाधीनता संग्राम में करोड़ो प्राणों के बलिदान हुये । ये बलिदान साधारण नहीं थे । पर इन बलिदानों केलिये आव्हान करने वाले शब्द साधकों की भी एक धारा रही है जिन्होंने अपने शब्दों की शैली और …

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उपन्यास और लेखन से स्वत्व जागरण : आचार्य चतुरसेन शास्त्री

स्वाधीनता के लिये संघर्ष जितना महत्वपूर्ण है उतना ही महत्वपूर्ण है समाज में स्वत्व जागरण का अभियान। यदि स्वत्ववोध नहीं होगा तो स्वतंत्रता की चेतना कैसे जाग्रत होगी। अपने लेखन से स्वत्व चेतना का यही अभियान चलाया आचार्य चतुरसेन शास्त्री ने। उन्होने अपना सार्वजनिक जीवन स्वतंत्रता संग्राम से आरंभ किया …

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स्वतंत्रता संग्राम के अमर बलिदानी : हेमू कालाणी

21 जनवरी 1943 सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी हेमू कालाणी बलिदान दिवस भारतीय सवाधीनता संग्राम असंख्य बलिदानों का इतिहास है। हजारों लाखों जीवन की आहूति के बाद ही भारत में स्वतंत्रता का सूर्य उदित हो सका। ऐसे ही एक अमर बलिदानी हैं हेमू कालाणी। संभवतः उनका जन्म ही स्वाधीनता संग्राम के लिये हुआ …

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अंग्रेजों से मुक्ति के लिये छत्तीसगढ़ के परलकोट में सशस्त्र क्राँति

भारत को अंग्रेजों से मुक्ति सरलता से नहीं मिली। पूरा देश मानों भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराने उठ खड़ा हुआ था। क्या नगर वासी, क्या ग्राम वासी और क्या वनवासी। सभी क्षेत्रों में क्रान्ति की ज्वाला धधक उठी। ऐसे ही क्राँतिकारी थे वनवासी गेंद सिंह जिन्होने छत्तीसगढ के बस्तर …

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भारत के एक प्रकाशमान नक्षत्र महाराणा प्रताप

हिन्दू वीर महाराणा प्रताप पुण्यतिथि 19 जनवरी विशेष आलेख भारतीय इतिहास के एक प्रकाशमान नक्षत्र हैं चित्तौड़ के राणा प्रताप। जो न किसी प्रलोभन से झुके और न किसी बड़े आक्रमण से भयभीत हुये। उन्होंने स्वाधीनता और स्वाभिमान के लिये जीवन भर संघर्ष किया और अकबर को पराजित किया। मुगल …

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असीरगढ़ के किले पर धोखे से कब्जा किया अकबर ने

17 जनवरी 1601 : मुगलों की लूट का क्रूर रक्त रंजित इतिहास बचपन की पाठ्यपुस्तकों में मुगल बादशाह अकबर को महान पढ़ा था। उन पुस्तकों में कुछ उदाहरण भी थे। इस कारण अकबर को और समझने की जिज्ञासा सदैव बनी रही। आगे चलकर उनकी महानता की अनेक कहानियाँ भी पढ़ी। …

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