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Tag Archives: लोकगीतों में राम

राजगोंड़ समाज में राम

गोंड़ समाज में राम इस प्रकार व्याप्त हैं, जैसे हनुमान जी के अंदर श्री राम बसते है। अगर कोई अंतर है तो यह कि जिस प्रकार हनुमान जी श्राप के कारण अपनी याददास्त भूल जाते थे उसी प्रकार गोंड़ समाज श्रीराम को धारण करते हुए ही जीवन जीता है। पर …

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दण्डकारण्य में राम : रामनवमी विशेष

बस्तर अपने प्राचीन पुरातात्विक महत्व, आरण्यक संस्कृति, दुर्गम वनांचल एवं अनसुलझे तथ्यों के लिए प्रसिद्ध है। बस्तर, दण्डक, चक्रकूट, भ्रमरकूट, महाकांतर जैसे अनेक नामों से परिभाषित धरती पर स्वर्ग का पर्याय है। बस्तर के पूर्वजों ने धर्म, विज्ञान, साहित्य, कला और संस्कृति के क्षेत्र में जो पराक्रम किया है। वह …

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