मनुष्य में जन कल्याण की भावना तो जन्म के पश्चात संस्कारों के साथ ही पल्लवित एवं पुष्पित होती है, जब मनुष्य आत्म कल्याण के साथ जग कल्याण के विषय में अग्रसर होता है तो तब वह संत कहलाता है। उसके हृदय में समस्त समष्टि के लिए कल्याण की भावना होती …
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