6 जुलाई 1905 जन्म दिवस विशेष आलेख भारतीय स्वाधीनता संघर्ष की सफलता में उस भावना की भूमिका महत्वपूर्ण है जिसने समाज में स्वत्व का वोध कराया। यदि हम केवल आधुनिक संघर्ष का ही स्मरण करें तो हम पायेंगे कि आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती से लेकर राष्ट्रीय स्वयं …
Read More »स्वतंत्रता संग्राम में पूर्वोत्तर की प्रतिनिधि यौद्धा : रानी गाईदिन्ल्यू
पूर्वोत्तर के जनजातीय क्षेत्रों में एक लोकोक्ति बड़ी ही प्रचलित है – “सोत पो, तेरह नाती ; तेहे करीबा कूँहिंयार खेती।” अर्थात स्त्री यथेष्ट संख्या में जब बच्चों को जन्म देगी तब ही समाज में खेती सफल होगी। पूर्वोत्तर के हाड़तोड़ श्रम करने वाले समाज में यह कहावत परिस्थितिवश ही …
Read More »आज़ादी के लिए प्राणों की परवाह न करने वाली वनबाला दयावती : स्वतंत्रता दिवस विशेष
“जिस रोज 144 दफा लगाया गया था, उस रोज तमोरा गांव में सभा थी। वहां पर मैं, मेरी माँ और कुछ अन्य स्त्रियां सभा में गई। हम लोगों को सभा में जाने से किसी ने रोका नहीं। कुरुभाठा, ढोंगा, धौराभाठा, डूमरडीह इत्यादि के लोगों को डोर लगा के रोक रहे …
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