ग्राम्य जीवन जीने वाला लोक मानस बड़ा सीधा, सरल, सहज, भोला भाला, उदार और आस्थावान होता है। प्रकृति का हर उपदान उसके लिए देवता है। प्रकृति के कण–कण में देवत्व की अनुभूति करता है। इसलिए लोक समाज के इर्द–गिर्द देवी–देवताओं के स्थल बहुतायत रूप से मिलते है। यह भी देखा …
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