Home / Tag Archives: चतुर्वर्ण व्यवस्था

Tag Archives: चतुर्वर्ण व्यवस्था

विलुप्त होती भारत की कलीगर जाति एवं व्यवसाय

वैदिक काल में समाज का मार्गदर्शन करते हुए ॠषियों ने पुरुषार्थ चतुष्टय एवं चतुर्वर्ण की व्यवस्था दी। जिससे मानव को जीवन निर्वहन के लिए दिशा मिल सके। इसके पश्चात आगामी काल में कर्म के आधार पर जातियों का निर्माण प्रारंभ हुआ। नवीन अविष्कार होते और नवीन जातियों का निर्माण होता …

Read More »