सनातन संस्कृति में देवी – देवताओं की पूजा -अर्चना का इतिहास आदि काल से ही रहा है। भारत की संस्कृति विश्व में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। भारत वर्ष में अलग -अलग जगहों पर मंदिरों में विराजी आदि देवी शक्तियों की गाथाएं और जन श्रुतियाँ जनमानस के साथ आस्था और विश्वास …
Read More »चिरमिरी बरतुंगा कालरी में 14 वीं शताब्दी का सती मंदिर
चिरमिरी बरतुंगा कालरी में प्राचीन देवालय के अवशेष स्थित हैं। भग्नावशेषों में यहाँ बहुत सारे सती स्तंभ हैं, जो इस क्षेत्र में फ़ैले हुए हैं। यहाँ नवरात्रि में जातीय एवं जनजातीय समाज के लोग सती माता की आराधना एवं उपासना करते हैं। प्राचीन सती मंदिर बरतुंगा चैत्र नवरात्र के दिनों …
Read More »बुचीपुर की महामाया माई
हाफ नदी के सुरम्य तट पर बेमेतरा जिला के नवागढ़ तहसील में बसा छोटा सा गांव बुचीपुर है। यह गांव छत्तीसगढ़ के अन्य गांव के समान ही खेती किसानी वाला गांव है, परंतु इसकी प्रसिद्धि यहां विराजमान माँ महामाया के नाम से दूर-दूर तक है। दूर-दूर से यहां श्रद्धालु आते …
Read More »बागबाहरा कलां की तीन देवियाँ
हमारे देश भारत एवं विदेशों में भी आदि शक्ति जगतजननी मां जगदंबा शक्तिपीठों में विराजमान हैं। जहाँ उन्हें कई नाम एवं कई रूपों में बारहों महीने पूजा जाता हैं और चैत कुंवार के नवरात्रि में विशेष पूजा अर्चना की जाती है। जहां श्रद्धालु जन भारी संख्या में मनोकामना पूर्ति हेतु …
Read More »नवागाँव वाली छछान माता
छछान माता नवागांव वाली भी आदि शक्ति मां भवानी जगतजननी जगदम्बा का रूप और नाम है। छछान माता छत्तीसगढ़ प्रान्त के जिला महासमुंद मुख्यालय से तुमगांव स्थित बम्बई कलकत्ता राष्ट्रीय राजमार्ग पर महासमुंद से लगभग 22 किलोमीटर दूरी पर सीधे हाथ की ओर लगभग 300 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित …
Read More »सरई वृक्ष में विराजमान सरई श्रृंगारिणी माता
सरई श्रृंगारिणी माता का मंदिर 22•9’82″उत्तरी अक्षांश और 82•32’9″ पूर्वी देशांतर पर समुद्र तल से लगभग 910 फिट की ऊँचाई पर बलौदा ब्लाक के ग्राम डोंगरी में स्थित है। सरई श्रृंगारिणी डोंगरी में सरई पेड़ में विराजमान है। अंचल के लोगों की सरई श्रृंगारिणी माता के प्रति अपार श्रद्घा और …
Read More »अटूट श्रद्धा एवं भक्ति का केन्द्र : माँ मड़वारानी
माँ मड़वारानी का प्रसिद्ध मंदिर छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से लगभग 29 कि.मी.की दूरी पर खरहरी गाँव मे पहाड़ी के ऊपर गहरी खाई के समीप कलमी पेड़ के नीचे स्थित है। ऐसा माना जाता है कि मंदिर के निकट एक दूसरे कलमी पेड़ में मीठे पानी का स्रोत था जो …
Read More »मोटियारी घाट की बंजारी माता : नवरात्रि विशेष
ग्राम्य जीवन जीने वाला लोक मानस बड़ा सीधा, सरल, सहज, भोला भाला, उदार और आस्थावान होता है। प्रकृति का हर उपदान उसके लिए देवता है। प्रकृति के कण–कण में देवत्व की अनुभूति करता है। इसलिए लोक समाज के इर्द–गिर्द देवी–देवताओं के स्थल बहुतायत रूप से मिलते है। यह भी देखा …
Read More »लोक देवी रामपुरहीन डोंडराही माता
लखनपुर उदयपुर ब्लाक मुख्यालय की सरहद पर बिलासपुर मुख्य मार्ग पर स्थित ग्राम जेजगा मे अंचल की आराध्य देवी माता रामपुरहीन सिद्ध पीठ के रूप में विराजमान है। ऐसी मान्यता है कि यहां से कोई भी श्रद्धालु-भक्त खाली हाथ नहीं लौटता। माता रामपुरहीन को अनेकों नाम जैसे डोंडराही अर्थात (अल्हड …
Read More »सरगुजा अंचल की आराध्य देवी माँ गढ़वतिया माई : नवरात्रि विशेष
भारत के हृदय स्थल मध्यप्रदेश के दक्षिणपूर्व भाग में छत्तीसगढ़ राज्य स्थित है। यह राज्य प्राचीन काल से गौरव का प्रतीक बना हुआ है। छत्तीसगढ़ के उत्तरांचल में आदिवासी बहुल संभाग सरगुजा है। यहाँ की प्राकृतिक सौम्यता, हरियाली, ऐतिहासिक व पुरातात्विक स्थल, लोकजीवन की झांकी, सांस्कृतिक परंपराएं, रीति-रिवाज, पर्वत, पठार, …
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