धोबनी ग्राम रायपुर-बिलासपुर राजमार्ग पर दामाखेड़ा ग्राम से बायें तरफ लगभग 2 कि.मी. दूरी पर स्थित है। रायपुर से धोबनी की कुल दूरी लगभग 57 कि.मी. है। (इस ग्राम में वर्ष 2003 तक स्थानीय बाजार तथा पशु मेला रविवार को भरता था जो वर्तमान में किरवई नामक ग्राम के उत्तर …
Read More »कलचुरिकालीन जगन्नाथ मंदिर खल्लारी
महासमुंद जिलार्न्तगत, महासमुंद तहसील मुख्यालय से खल्लारी 22 किमी. दूरी पर बागबाहरा मार्ग पर एवं रायपुर से 77 कि.मी. दूरी पर 20॰53’ उत्तरी अक्षांस तथा 82॰15’ पूर्वी देक्षांस पर स्थित है। रायपुर-वाल्टेयर रेल लाइन में भीमखोज रेलवे स्टेशन से 2 कि.मी. बायें तरफ पहाड़ी की तलहटी में खल्लारी स्थित है। …
Read More »पुरातात्विक धरोहर कपिलेश्वर मंदिर समूह बालोद
बालोद, दुर्ग नगर से दल्ली राजहरा मार्ग पर लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बालोद में दल्ली चौक से दायें तरफ लगभग 2 किलोमीटर दूरी पर उत्तरी सीमांत में पुरातत्वीय स्मारकों का एक समूह स्थित है जिसे कपिलेश्वर मंदिर समूह के नाम से जाना जाता है। इस समूह …
Read More »स्थापत्य कला में गजलक्ष्मी प्रतिमाओं का अंकन : छत्तीसगढ़
लक्ष्मी जी की उत्पत्ति के बारे में कहा गया है कि देवों तथा असुरों द्वारा समुद्र मंथन करते समय उससे उत्पन्न हुये चौदह रत्नों में से लक्ष्मी जी भी एक रत्न थीं। वे कमल के आसन पर बैठी हुई कमल पुष्प हाथ में धारण किये हुये प्रकट हुई थीं। लक्ष्मी …
Read More »राजिम त्रिवेणी स्थित कुलेश्वर मंदिर एवं संरक्षण प्रक्रिया
राजिम त्रिवेणी संगम स्थित यह मंदिर राज्य संरक्षित स्मारक है। तथापि धार्मिक स्थल होने के कारण यह मंदिर पूजित है। इस मंदिर की व्यवस्था, पूजा तथा सामान्य देखभाल स्थानीय ट्रस्ट के अधिन है। यहॉं पर नियमित रूप से दर्शनार्थी आते रहते हैं। शिवरात्रि के पर्व पर राजिम में विशाल मेला …
Read More »छत्तीसगढ़ की स्थापत्य कला में हनुमान
हमारे देश में मूर्ति पूजा के रूप में महावीर हनुमान की पूजा अत्यधिक होती है क्योंकि प्रत्येक शहर, कस्बों तथा गांवों में भी हनुमान की पूजा का प्रचलन आज भी देखने को मिलता है। हनुमान त्रेतायुग में भगवान राम के परम भक्त तथा महाभारत के युद्ध में अर्जुन के रथ …
Read More »खरदूषण की नगरी खरोद का पुरातत्वीय वैभव
छत्तीसगढ़ प्रदेश के अन्तर्गत जांजगीर-चांपा जिला मुख्यालय से शिवरीनारायण सड़क मार्ग पर स्थित ग्राम खरोद लगभग 35 कि.मी. दूरी पर स्थित है। बिलासपुर जिला मुख्यालय से खरोद की दूरी लगभग 62 कि.मी. तथा रायपुर से वाया कसडोल शिवरीनारायण होकर खरोद लगभग 140 कि.मी. दूरी पर है। यहां पर पहुंचने के …
Read More »छत्तीसगढ़ के प्राचीन मंदिरों की द्वारशाखा के सिरदल में विशिष्ट शिल्पांकनों का अध्ययन
भारतवर्ष के लगभग मध्य में स्थित छत्तीसगढ़ राज्य के अन्तर्गत रायगढ़ जिला प्रागैतिहासिक काल के भित्ति चित्रों के लिये प्रसिद्ध है जिसके प्रमाण सिंघनपुर तथा कबरा पहाड़ में मिलते हैं। पाषाण युग के बाद ताम्रयुग तथा वैदिक काल में छत्तीसगढ़ की स्थिति के बारे में कोई सूचना नहीं मिलती । …
Read More »छत्तीसगढ़ की स्थापत्य कला में बालि-सुग्रीव युद्ध का अंकन
छत्तीसगढ़ राज्य पुरातत्व की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। यहां पर लगभग 5-6वीं शताब्दी ई. से लेकर अभी तक रामायण के कथानकों से सम्बंधित दृश्य मंदिरों तथा प्रतिमाओं में उत्कीर्ण किये गये हैं जो आज भी विद्यमान हैं। तुलसीकृत रामचरित मानस के किष्किन्धाकाण्ड मे उल्लेखित जानकारी के अनुसार राम वनगमन …
Read More »छत्तीसगढ़ के भरतपुर तहसील की शैलोत्कीर्ण गुफ़ाएं
छत्तीसगढ़ के उत्तर पश्चिम सीमांत भाग में स्थित कोरिया जिले का भरतपुर तहसील प्राकृतिक सौदंर्य, पुरातत्वीय धरोहर एवं जनजातीय/सांस्कृतिक विविधताओं से परिपूर्ण भू-भाग है। जन मानस में यह भू-भाग राम के वनगमन मार्ग तथा महाभारत कालीन दंतकथाओं से जुड़ा हुआ है। नवीन सर्वेक्षण से इस क्षेत्र से प्रागैतिहासिक काल के …
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