Home / nohukum123

nohukum123

स्वर्ण मंदिर की नींव रखने वाले गुरु श्री अर्जुन देव

सिखों के पांचवें गुरु श्री अर्जुन देव साहिब का जन्म वैशाख वदी 7, संवत 1620 तिथि को अमृतसर में हुआ था। जो कि 2024 में 30 अप्रेल के दिन है। इनके पिता सिख धर्म के चौथे गुरु रामदास जी थे। अर्जुन देव जी का धर्म के प्रति समर्पण, निर्मल हृदय …

Read More »

जानिए दानवीर भामाशाह कौन थे

29 अप्रैल 1547 में सुप्रसिद्ध दानवीर और राष्ट्रसेवी मेवाड़ के भामाशाह का जन्म दासत्व के अंधकार से भरी लंबी रात्रि के बीच यदि भारत में राष्ट्रभाव पल्लवित हो रहा तो इसके पीछे वे असंख्य विभूतियाँ हैं जिन्होंने अपना सर्वस्व समर्पित करके इस दीप को जलाये रखा। कुछ ने प्राण दिये …

Read More »

मराठा साम्राज्य को विस्तार देने वाले सेनानायक बाजीराव पेशवा

28 अप्रैल 1740 सुप्रसिद्ध सेनानायक बाजीराव पेशवा का खरगौन में निधन पिछले डेढ़ हजार वर्षों में पूरे संसार का स्वरूप बदल गया है। 132 देश एक राह पर, 57 देश दूसरी राह पर और अन्य देश भी अपनी अलग-अलग राहों पर हैं। इन सभी देशों उनकी मौलिक संस्कृति के कोई …

Read More »

सदाबहार गीतकार याने श्री नारायण लाल परमार

27अप्रेल नारायण लाल परमार जी की पुण्यतिथि पर विशेष आलेख अपने भीतर एवं निहायती देहाती किस्म का बज्रमूर्ख बैठा हुआ है, जो हर किसी से अपनत्व चाहता है, जो विशुद्ध घरू वातावरण में साहित्य को जीना चाहता है, जो कभी साहित्य में रचनाकार को ढूंढता है, तो कभी उसके व्यक्तित्व …

Read More »

अस्सी वर्ष की आयु में क्रांति की कमान संभालने वाले बाबू कुंअर सिंह

26 अप्रैल 1858 : सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी बाबू कुँअर सिंह का बलिदान भारतीय स्वाधीनता संग्राम में ऐसे असंख्य बलिदानी हुये जिन्होंने न अपने परिवार की चिंता की न आयु बाधा बनी। वे भारत की स्वाधीनता के लिये न्यौछावर हो गये। ऐसे ही बलिदानी थे बाबू कुँअर सिंह, जिन्होंने हाथ में बंदूक …

Read More »

वनवासी युवाओं को संगठित कर सशस्त्र संघर्ष करने वाले तेलंगा खड़िया का बलिदान

23 अप्रैल 1880 : सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी तेलंगा खड़िया का बलिदान भारत पर आक्रमण चाहे सल्तनतकाल काल का रहा हो अथवा अंग्रेजीकाल का। वन्य अंचलों ने कभी दासत्व को स्वीकार नहीं किया और स्वाधीनता केलिए सदैव संघर्ष किया और बलिदान हुये। ऐसे ही संघर्ष के नायक हैं तेलंगा खड़िया जिन्होंने वनवासी …

Read More »

युवाओं के आदर्श प्रेरणा स्रोत श्री हनुमान

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के सर्वोत्तम सेवक, सखा, सचिव और भक्त श्री हनुमान हैं। प्रभुराम की भारतीय जनमानस में जिस प्रकार पूजा की जाती है, ठीक उसी प्रकार उनके प्रिय सेवक हनुमान जी की भी पूजा की जाती है। श्री हनुमान जी को रुद्रावतार भी माना जाता है। इनकी पूजा …

Read More »

महाप्रलय का आमंत्रणकर्ता महामूर्ख मनुष्य : पृथ्वी दिवस

हम प्रलय से तात्पर्य लगाते हैं कि कोई आपदा आएगी और धरती से जीवन समाप्त हो जाएगा। धरती जीवन से शुन्य हो जाएगी। लगभग विश्व के सभी सम्प्रदायों में किसी न किसी रुप में प्रलय/महाप्रलय का वर्णन है। जाहिर है धरती से जीवन का खत्म होना लगभग सभी धर्म दर्शनों …

Read More »

संसार को अहिंसा का मार्ग दिखाने वाले भगवान महावीर

जैन ग्रन्थों के अनुसार समय समय पर धर्म तीर्थ के प्रवर्तन के लिए तीर्थंकरों का जन्म होता है, जो सभी जीवों को आत्मिक सुख प्राप्ति का उपाय बताते है। तीर्थंकरों की संख्या चौबीस ही कही गयी है। भगवान महावीर 24वें तीर्थंकर हुए हैं। उन्होंने दुनिया को जैन धर्म के पंचशील …

Read More »

षड्यंत्रकारी नासिक कलेक्टर को गोली मारने वाले तीन क्रांतिकारी

19 अप्रैल 1910 : तीन महान क्राँतिकारियों अनंत लक्ष्मण कान्हेरे, विनायक नारायण देशपाँडे और कृष्ण गोपाल कर्वे का बलिदान भारतीय स्वाधीनता संघर्ष में अनंत वीरों का बलिदान हुआ है। कुछ के तो नाम तक नहीं मिलते और जिनके नाम मिलते हैं उनका विवरण नहीं मिलता। नासिक में ऐसे ही क्राँतिकारियों …

Read More »