प्रकृति और मानव का अटूट संबंध सृष्टि के निर्माण के साथ ही चला आ रहा है। धरती सदैव ही समस्त जीव-जन्तुओं का भरण-पोषण करने वाली रही है। ‘क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा, पंच रचित अति अधम सरीरा ।’ इन पाँच तत्वों से सृष्टि की संरचना हुई है। बिना प्रकृति के …
Read More »देश विदेश के डाक टिकटों में राम
रामायण महाकाव्य केवल भारत में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में पसन्द की जाती है, सूरीनाम, फिजी, गुयाना, मॉरीशस, वेस्टइंडीज आदि देशों के प्रवासियों ने रामायण को अपने हृदय में बसाया है। बहुत से एशियाई देशों में रामायण को अपनी भाषा में अनुवादित कर अपने धार्मिक ग्रन्थ के रूप में …
Read More »ज्योतिष और खगोलशास्त्र के प्रकांड पंडित : महर्षि वाल्मीकि
भारत वर्ष ॠषि, मुनियों, महर्षियों की जन्म भूमि एवं देवी-देवताओं की लीला भूमि है। हमारी सनातन संस्कृति विश्व मानव समुदाय का मार्गदर्शन करती है, यहाँ वेदों जैसे महाग्रंथ रचे गए तो रामायण तथा महाभारत जैसे महाकाव्य भी रचे गये, जिनको हम द्वितीयोSस्ति कह सकते हैं क्योंकि इनकी अतिरिक्त विश्व में …
Read More »राजगोंड़ समाज में राम
गोंड़ समाज में राम इस प्रकार व्याप्त हैं, जैसे हनुमान जी के अंदर श्री राम बसते है। अगर कोई अंतर है तो यह कि जिस प्रकार हनुमान जी श्राप के कारण अपनी याददास्त भूल जाते थे उसी प्रकार गोंड़ समाज श्रीराम को धारण करते हुए ही जीवन जीता है। पर …
Read More »दक्षिण कोसल की संस्कृति में पैली-काठा का महत्व
दक्षिण कोसल (छत्तीसगढ़) प्रांत प्राचीनकाल से दो बातों के लिए प्रसिद्ध है, पहला धान की खेती और दूसरा माता कौसल्या की जन्मभूमि याने भगवान राम की ननिहाल। यहाँ का कृषक धान एवं राम, दोनों से जुड़ा हुआ है। यहाँ धान की खेती प्रचूर मात्रा में होती है, इसके साथ ही …
Read More »छत्तीसगढ़ के अलिखित साहित्य में रामकथा : वेबीनार रिपोर्ट
ग्लोबल इन्सायक्लोपीडिया ऑफ रामायण उत्तर प्रदेश एवं सेंटर फ़ॉर स्टडी ऑन होलिस्टिक डेवलपमेंट छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में दिनाँक 5/7/2020 को शाम 7:00से 8:30 बजे के मध्य “छत्तीसगढ़ के अलिखित साहित्य में रामकथा” विषयक अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन हुआ। जिसमें उद्घाटन उद्बोधन डॉ योगेन्द्र प्रताप सिंह जी, संचालक अयोध्या शोध …
Read More »राम वनगमन पथ में रामगढ़ का महत्व विषयक वेबीनार सम्पन्न
ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण, सेंटर फॉर स्टडी ऑन हॉलिस्टिक डेवलपमेंट रायपुर और दक्षिण कोशल टुडे छत्तीसगढ़ के तत्वाधान में ऑन लाईन शोध संगोष्ठी का आयोजन किया गया यह वेबीनार ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण के संयोजक ललित शर्मा की होस्टिंग में राम वनगमन पथ में रामगढ़ का महत्व विषय पर आयोजन …
Read More »लोकगीतों में राम और रामायण के पात्र
लोगों के कंठ में लोकगीत समाहित रहते है, जो साहित्य की एक विधा है। हर एक भाषा के अपने लोकगीत है जो ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं द्वारा विशेष अवसर पर गाये जाते है। जिसका अपना एक विशेष महत्व होता है, श्रीराम ऐसे महान विभुति है जिनके व्यक्तितव से सारा संसार …
Read More »संस्कृत ग्रंथ ‘रामायण’ का तमिल में अनुवाद : चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी का जन्म दिसम्बर माह की दस तारीख को 1878 में मद्रास के थोरपल्ली ग्राम में हुआ था। आप राजनेता, वकील, लेखक, स्वतंत्रता सेनानी, भारत के अंतिम गवर्नर जनरल होने के साथ दार्शनिक भी थे। राजगोपालचारी को कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी के रूप में भी चुना गया था। अंतिम …
Read More »सुअरलोट के शैलचित्र : क्या सीता हरण यहीं हुआ था?
छत्तीसगढ़ राज्य अपनी पुरातात्विक सम्पदाओं के लिए गर्व कर सकता है। छत्तीसगढ़ राज्य में ऐसा कोई भी स्थल नहीं है, जहाँ पुरासम्पदा न हो। जैसे-जैसे इनकी खोज आगे बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे ही नये-नये तथ्य प्रकाश में आ रहे हैं। यहाँ सभ्यता के विकास से पूर्व की भी गाथाएँ …
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