मानव सभ्यता का उद्भव और संस्कृति का प्रारंभिक विकास नदी के किनारे ही हुआ है। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में नदियों का विशेष महत्व है। भारतीय संस्कृति में ये जीवनदायिनी मां की तरह पूजनीय हैं। यहां सदियों से स्नान के समय पांच नदियों के नामों का उच्चारण तथा जल …
Read More »सद्कर्म की प्रेरणा देती है भगवद्गीता
“जब शंकाएं मुझ पर हावी होती हैं, और निराशाएं मुझे घूरती हैं, जब दिगंत में कोई आशा की किरण मुझे नजर नहीं आती, तब मैं गीता की ओर देखता हूं।” – महात्मा गांधी। संसार का सबसे पुराना दर्शन ग्रन्थ है भगवद्गीता। साथ ही साथ विवेक, ज्ञान एवं प्रबोधन के क्षेत्र …
Read More »राष्ट्रीय एकात्मता का प्रतीक : विवेकानन्द शिला स्मारक
स्वामी विवेकानन्द ने 19 मार्च, 1894 को स्वामी रामकृष्णानन्द को लिखे पत्र में कहा था – “भारत के अंतिम छोर पर स्थित शिला पर बैठकर मेरे मन में एक योजना का उदय हुआ- मान लें कि कुछ निःस्वार्थ सन्यासी, जो दूसरों के लिए कुछ अच्छा करने की इच्छा रखते हैं, …
Read More »भारतीय संस्कृति में पक्षियों का स्थान
पक्षी प्रेम और पक्षी निहारने की बहुत ही सशक्त परम्परा भारतीय समाज में प्राचीन काल से रही है। विविध पक्षियों को देवताओं के वाहन के रूप में विशेष सम्मान दिया गया है। भारतीय संस्कृति में पक्षियों को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। विष्णु का वाहन गरूड, ब्रह्मा और सरस्वती का …
Read More »मानव इतिहास को सहेजती गोत्र प्रणाली
जो समाज अपने पूर्वजों के बारे में जानकारी नहीं रखता, अपने पुरखों की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण न कर उन्हें भूल जाता है ,वहां समाजीकरण में अत्यंत वीभत्स दृश्य पैदा होते है और अंततः विप्लप या आतंक का कारण बनते है। प्राचीन भारतीय मनीषी इस मनोवैज्ञानिक सत्य से भलीभांति परिचित थे …
Read More »भारतीय संस्कृति में नदियों को माँ का स्थान : विश्व जल दिवस
भारतीय संस्कृति में नदियों को माँ का स्थान दिया गया है, प्राचीन मानव नदियों की महत्ता को जानते हुए उन्हें प्रात: स्मरणीय मानता था। स्नान-मज्जन के वक्त सप्त नदियों के नाम का स्मरण उच्चारण करना अपना परम कर्तव्य समझता था तथा विधि विधानपूर्वक उनका पूजन भी करता था। यह परम्परा …
Read More »भारतीय सांस्कृतिक एकता का प्रतीक रथ दूज पर्व
छत्तीसगढ़ अंचल में रथदूज या रथयात्रा का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है, जगह-जगह भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है तथा इस दिन मांगलिक कार्य करना भी शुभ माना जाता है। वैसे तो मुख्य रथयात्रा का पर्व उड़ीसा के पुरी में मनाया जाता है, परन्तु छत्तीसगढ़ की सीमा साथ …
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