भारतीय राजनीति के नक्षत्र एवं राष्ट्रवादी चिंतक डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई, 1901 को एक संभ्रांत परिवार में हुआ था। महानता के सभी गुण उन्हें विरासत में मिले थे। उनके पिता आशुतोष बाबू अपने जमाने ख्यात शिक्षाविद् थे। डॉ. मुखर्जी ने 22 वर्ष की आयु में एमए की …
Read More »छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता संग्राम 1857 से पूर्व प्रारंभ हुआ : विशेष आलेख
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़वासियों की भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता। वर्तमान छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता संग्राम 1857 से पूर्व प्रारम्भ हो चुका था, तत्कालीन समय में यह जमींदारी क्षेत्र था तथा कलचुरियों, मराठों एवं अंग्रेजों के अधीन रहा। कभी मराठों से स्वतंत्रता पाने के लिए यहाँ …
Read More »जंगल सत्याग्रह 1930 की वर्षगांठ : हरेली तिहार
हरेली का त्यौहार छत्तीसगढ़ में प्राचीनकाल से धूमधाम से मनाया जाता है, इस दिन किसान अपने कृषि उपकरणों की पूजा के साथ देवताधामी को सुमरता है और बाल गोपाल गेड़ी चढ़कर उत्सव मनाते हैं। गांवों में इस दिन विभिन्न खेलकूदों का आयोजन किया जाता है। रोटी, पीठा, चीला के स्वाद …
Read More »बस्तर की महान क्रांति का नायक गुंडाधुर: भूमकाल विद्रोह
रायबहादुर पंडा बैजनाथ (1903 – 1910 ई.) राज्य में अधीक्षक की हैसियत से नियुक्त हुए थे। पंडा बैजनाथ का प्रशासन निरंकुशता का द्योतक था जबकि उनके कार्य प्रगतिशील प्रतीत होते थे। उदाहरण के लिये शिक्षा के प्रसार के लिये उन्होंने उर्जा झोंक दी किंतु इसके लिये आदिवासियों को विश्वास में …
Read More »आज़ाद था, आज़ाद हूँ, आज़ाद ही मरूंगा
‘दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल।’ यह गीत बचपन से सुनते आए थे। इस गीत के माध्यम से यह बताया गया है कि स्वतंत्रता की प्राप्ति अहिंसा से हुई। जब स्वतंत्रता की प्राप्ति अंहिसा से हुई तो क्या क्रांतिकारी बेवजह जान …
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