सिखों के पांचवें गुरु श्री अर्जुन देव साहिब का जन्म वैशाख वदी 7, संवत 1620 तिथि को अमृतसर में हुआ था। जो कि 2024 में 30 अप्रेल के दिन है। इनके पिता सिख धर्म के चौथे गुरु रामदास जी थे। अर्जुन देव जी का धर्म के प्रति समर्पण, निर्मल हृदय …
Read More »मन चंगा तो कठौती में गंगा : संत शिरोमणी रविदास
“मन चंगा तो कठौती में गंगा”, ये कहावत आपने जरूर सुनी होगी। इसका संबंध आपसी भाईचारा, भेदभाव मिटाने और सबके भले की सीख देने वाले सामाजिक समरसता के महान संत शिरोमणी श्री रविदास जी महाराज से है। संत गुरु रविदास भारत के महान संतों में से एक हैं, जिन्होंने अपना …
Read More »अयोध्या के राम लला एवं रामानंदी सम्प्रदाय
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा के बाद प्रतिदिन की पूजा सेवा, निमित्त उत्सवों आदि को रामानंदी पद्धति से करना तय किया है। यह संप्रदाय रामभक्ति की विभिन्न धाराओं व शाखाओं के बीच समन्वय, वर्ण-विद्वेष को दूरकर राममय होकर तत्कालीन समाज में व्याप्त कुरीतियों …
Read More »देवशयनी एकादशी का पौराणिक एवं सामाजिक महत्व
जीवन में योग, ध्यान व धारणा का बहुत महत्व है, क्योंकि इससे सुप्त शक्तियों का नवजागरण एवं अक्षय ऊर्जा का संचय होता है। इसका प्रतिपादन हरिशयनी एकादशी से भली-भांति होता है, जब भगवान विष्णु स्वयं चार महीने के लिए योगनिद्रा का आश्रय ले ध्यान धारण करते हैं। भारतवर्ष में गृहस्थों …
Read More »महिला सशक्तिकरण की मिसाल वीरांगना रानी दुर्गावती
‘‘यत्र नार्यस्तु पूजयंते, रमंते तत्र देवता,‘‘ अर्थात जहाँ नारी का सम्मान होता है वहाँ देवताओं का वास होता है। भारतीय संस्कृति में नारी को देवी का स्थान दिया गया है। देश में माँ दुर्गा को शक्ति की देवी, लक्ष्मी को धन की देवी, सरस्वती को विद्या और ज्ञान की देवी …
Read More »छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण शिल्पी : श्री अटल बिहारी बाजपेयी
भारत की आजादी के बाद राज्यों का जो नया बँटवारा हुआ उसमें पहले सी.पी. एंड बरार और बाद में मध्य प्रदेश का हिस्सा बने छत्तीसगढ़ ने कई तरह की उपेक्षाओं को महसूस किया। उपेक्षा का यह एहसास निहायत अंदरुनी था। एक तरफ, मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पं. रविशंकर शुक्ल …
Read More »परिवार मनुष्य की प्रथम पाठशाला
अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस विशेष परिवार मनुष्य की प्रथम पाठशाला है यह एक ऐसी सामाजिक संस्था है जो सदस्यों के प्रेम, स्नेह एवं भाईचारा पूर्वक निर्वाहन करते हुए उनके आपसी सहयोग व समन्वय से क्रियान्वित होती है। सुसंस्कार, मर्यादा, सम्मान, समर्पण, आदर, अनुशासन आदि किसी भी सुखी-संपन्न एवं खुशहाल परिवार के …
Read More »सखि वसन्त आया
वसंतोन्माद में कोई वासंती गीत गा उठता है तो नगाड़ो की थाप के साथ अनहद बाजे बजने लगते हैं। जिस तरह विजयादशमी का त्यौहार सैनिकों के लिए उत्साह लेकर आता है और वे अपने आयुधों की पूजा करते हैं उसी तरह वसंत पंचमी का यह दिन विद्वानों के लिए अपनी पुस्तकों एवं व्यास पूर्णिमा का दिन होता है।
Read More »संतान की दीर्घायु की कामना का पर्व हलषष्ठी
लोक में संतान की रक्षा के लिए, पति की रक्षा के लिए पर्व मनाने का प्रचलन है। परन्तु कमरछठ पर्व में माताओं द्वारा संतान की दीर्घायु के लिए व्रत (उपवास) किया जाता है। हमारे छत्तीसगढ़ राज्य की अनूठी संस्कृति का यह एक ऐसा पर्व है जिसे हर वर्ग, हर जाति …
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