एक अकेला पार्थ खडा है, भारत वर्ष बचाने को।
सभी विपक्षी साथ खड़े हैं, केवल उसे हराने को।।
भ्रष्ट दुशासन सूर्पनखा ने, माया जाल बिछाया है।
भ्रष्टाचारी जितने कुनबे, सबने हाथ मिलाया है।।
समर भयंकर होने वाला, आज दिखाई देता है।
राष्ट्र धर्म का क्रंदन चारों ओर सुनाई देता है।।
फेंक रहें हैं सारे पांसे, जनता को भरमाने को।
सभी विपक्षी साथ खड़े हैं, केवल उसे हराने को।।
चीन और नापाक चाहते, भारत में अंधकार बढ़े।
हो कमजोर वहां की सत्ता अपना फिर अधिकार बढ़े।
आतंकवादी संगठनों का, दुर्योधन को साथ मिला।
भारत के जितने बैरी हैं, सबका उसको हाथ मिला।।
सारे जयचंद ताक में बैठे, केवल उसे मिटाने को।
सभी विपक्षी साथ खड़े हैं, केवल उसे हराने को।।
भोर का सूरज निकल चुका है, अंधकार घबराया है।
कान्हा ने अपनी लीला में, सबको आज फंसाया है।।
कौरव की सेना हारेगी, जनता साथ निभायेगी।
अर्जुन की सेना बनकर के, नइया पार लगायेगी।।
ये महाभारत फिर होगा, हाहाकार मचाने को।
सभी विपक्षी साथ खड़े हैं, केवल उसे हराने को।।
सीमा सुरक्षा बल
राममेहर यादव