छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल की केशकाल घाटी के नीचे बीहड़ वन में गौरगांव से 6 किमी की दूरी पर हिंगलाज माता का स्थान है। यहाँ प्रतिवर्ष भादो जात्रा का आयोजन किया जाता है, जिसमें 56 गांव के सोरी कुल के आदिवासी भाग लेते हैं। देवी हिंगलाज पौराणिक परम्परा से आती हैं एवं बस्तर के एक बड़े समुदाय की कुल देवी के रुप में स्थापित हैं।
इस स्थान तक लगभग 3 किमी पैदल नाले के किनारे उबड़-खाबड़ रास्तों से चलकर पहुंचना पड़ता है। देवी जात्रा में सम्मिलित होने के लिए अंचल के सभी प्रमुख देवता और उनके मांझी बैगा आदि भी पहुंचते हैं।
वर्ष में एक बार होने वाले आयोजन में हम भी पहुंचे और आपके लिए एक वीडियो भी बनाया। देखिए और अपने मित्रों को शेयर भी कीजिए। शेष जानकारी अगली कि्श्त में ……