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तीज त्यौहार

“सनातन में नागों की उपासना का वैज्ञानिक, आध्यात्मिक और जनजातीय वृतांत”

शुक्ल पक्ष, पंचमी विक्रम संवत् 2081 तद्नुसार 9 अगस्त 2024 को नागपंचमी पर सादर समर्पित – सनातन में नागपंचमी हिंदुत्व के एकत्व का प्रतीक है – आईये फिर हम सब मिलकर नागपंचमी मनाएं क्योंकि भारत का हर वासी है, मूल निवासी। हिन्दू धर्म , ‘आत्मवत् सर्वभूतेषु’ और ‘ सर्वे खल्विदं …

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सरगुजा अंचल स्थित प्रतापपुर जिले के शिवालय : सावन विशेष

सरगुजा संभाग के सूरजपुर जिला अंतर्गत प्रतापपुर से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर पूर्व दिशा में पहाड़ों की पीठ पर ग्राम पंचायत शिवपुर में शिवपुर तुर्रा नामक स्थल प्रसिद्ध है। यहीं शिव मंदिर के अंदर जलकुण्ड में अर्द्धनारीश्वर शिवलिंग विराजमान हैं। इस शिवलिंग में शिव एवं पार्वती दोनों के …

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बस्तर की प्राचीन सामाजिक परम्परा : पारद

बस्तर की हल्बी बोली का शब्द है “पारद”। इसका शाब्दिक अर्थ हिन्दी, हल्बी, गोण्डी में खेल होता है। गोण्डी बोली में इसे “वेट्टा” कहते है। हिन्दी में खेलना, हल्बी में पारद खेलतो तथा गोण्डी में “कोटुम वली दायना” कहते है। जिसका अर्थ पारद (शिकार) खेलने जाना है। सामान्यतः अपने  के …

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श्रावण मास का आध्यात्मिक एवं पौराणिक महत्व

हिन्दू पंचांग में काल गणना एवं बारह मासों की पृष्ठभूमि वैज्ञानिकता पर आधारित है। जिसमें श्रावण या सावन मास पांचवे स्थान पर है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जुलाई-अगस्त माह का समय श्रावण मास या सावन का होता है। यह मास जल के लिए जाना जाता है. साथ ही यह सृष्टि …

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सुख – समृद्धि, उर्वरता, और सौभाग्य की अधिष्ठात्री देवी : दशम महाविद्या माँ कमला

(गुप्त नवरात्र के दशम महाविद्या माँ कमला देवी पर सादर समर्पित) माँ कमला देवी दस महाविद्याओं में से अंतिम हैं। देवी कमला को कमलात्मिका के नाम से भी जाना जाता है और वे समृद्धि की देवी हैं। धन और सौंदर्य की देवी के रूप में, उनकी पूजा उनकी शक्ति के …

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”जनजातियों की आराध्य एवं बौद्धों में पूजित महाविद्या : तांत्रिकों की सरस्वती माँ मातंगी”

(गुप्त नवरात्र के नवम् दिवस – नवम् महाविद्या माँ मातंगी पर सादर समर्पित) गुप्त नवरात्र के आलोक में दस महाविद्याओं में से नौवीं महाविद्या देवी मातंगी ही है। मातंगी देवी को प्रकृति की स्वामिनी देवी बताया गया है। माता मातंगी के कुछ प्रसिद्ध नाम हैं- सुमुखी, लघुश्यामा या श्यामला, राज-मातंगी, …

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“अपकारी शक्तियों की विनाशक : विधवाओं की आराध्य महाविद्या माँ धूमावती”

माँ धूमावती सनातन धर्म में सातवीं महासिद्धि (महाविद्या) के रुप में शिरोधार्य हैं। “ऊँ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा” माँ धूमावती का बीज मंत्र है। माँ सभी अपकारी तंत्रों मंत्रों और शक्तियों की विनाशक, मानव जाति के लिए सर्वाधिक कल्याण कारी और अपराजेय बनाने वाली देवी हैं। इनके दर्शन ही …

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जनजातीय समुदाय में श्री जगन्नाथ धाम का माहात्म्य

जनजातीय समुदाय में श्री जगन्नाथ धाम का माहात्म्यजगन्नाथ मंदिर विष्णु के 8 वें अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है। पुराणों में इसे धरती का वैकुंठ कहा गया है। यह भगवान विष्णु के चार धामों में से एक है। इसे श्रीक्षेत्र, श्रीपुरुषोत्तम क्षेत्र, शाक क्षेत्र, नीलांचल, नीलगिरि और श्री जगन्नाथ पुरी भी …

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छत्तीसगढ़ अंचल का प्रमुख पर्व रथयात्रा

छत्तीसगढ़ में भगवान जगन्नाथ का प्रभाव सदियों से रहा है, यह प्रभाव इतना है कि छत्तीसगढ़ के प्रयाग एवं त्रिवेणी तीर्थ राजिम की दर्शन यात्रा बिना जगन्नाथ पुरी तीर्थ की यात्रा अधूरी मानी जाती है। मान्यतानुसार जगन्नाथ पुरी की यात्रा के पश्चात राजिम तीर्थ की यात्रा करना आवश्यक समझा जाता …

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जीवन काल में शक्ति संजोने का पर्व नवरात्रि

जीवन अच्छी तरह से जीने के लिए, उसके बीच गुजरते हुए ऐसा बहुत कुछ जो अनावश्यक है, आवश्यक सा जान पड़ता है इसीलिए जीने के हर क्षण को उत्सव की तरह जिया जाये तो शक्ति का संचार बना रहता है। संभवतः इसीलिए ऋतुओं के अनुसार बांटी गई भारतीय आध्यात्मिक और …

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