गणतंत्र दिवस विशेष आलेख आजादी के आंदोलन में सक्रीय भागीदारी के साथ भारत को गणतंत्र के रुप में स्थापित करने में छत्तीसगढ़ अंचल की भी महती भूमिका रही है, यहाँ के लोगों के स्वातंत्र्य समर में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई। भारतीय दृष्टिकोण से 1857 की घटनाओं को देखने पर ज्ञात होता …
Read More »बसंती चोले के दीवाने : भगत-सुखदेव-राजगुरु
(23 मार्च, बलिदान दिवस पर विशेष) ‘एक जीवन और एक ध्येय’ वाले तीन मित्र भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु, इन तीनों की मित्रता क्रांति के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है। बसंती चोले के इन दीवानों की ऐसी मित्रता थी जो जीवन के अंतिम क्षण तक साथ थी और बलिदान के बाद …
Read More »नेता जी सुभाष चन्द्र बोस एवं महात्मा गांधी के मतभेद और मतांतर
त्रिपुरी अधिवेशन 1939 में कांग्रेस के वार्षिक अध्यक्ष पद हेतु गांधीयुगीन कांग्रेस में पहली बार चुनाव हुये थे, इस सनसनी खेज तथा आर-पार वाले चुनाव में सुभाष बाबू ने गांधी जी के समर्थित और प्रिय उम्मीदवार को परास्त किया। त्रिपुरी अधिवेशन के पहले कांग्रेस वर्किंग कमिटी के सभी सदस्यों (जवाहर …
Read More »आज़ादी के लिए प्राणों की परवाह न करने वाली वनबाला दयावती : स्वतंत्रता दिवस विशेष
“जिस रोज 144 दफा लगाया गया था, उस रोज तमोरा गांव में सभा थी। वहां पर मैं, मेरी माँ और कुछ अन्य स्त्रियां सभा में गई। हम लोगों को सभा में जाने से किसी ने रोका नहीं। कुरुभाठा, ढोंगा, धौराभाठा, डूमरडीह इत्यादि के लोगों को डोर लगा के रोक रहे …
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