डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जिन्होंने अपने छोटे से कमरे में एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नींव रखी। आज देश का ही नहीं, दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है। नागपुर के डॉक्टर हेडगेवार समिति मंदिर में डॉ. हेडगेवार की प्रतिमा पर किसने फूल चढ़ाये यही मीडिया के लिए कई दिनों …
Read More »क्रांतिकारी पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी का बलिदान
सार्वजनिक जीवन या पत्रकारिता में ऐसे नाम विरले हैं जिनका व्यक्तित्व व्यापक है और जो विभिन्न विचारों में समन्वय बिठा कर राष्ट्र और संस्कृति की सेवा में समर्पित रहे हों। ऐसे ही क्राँतिकारी पत्रकार थे गणेश शंकर विद्यार्थी। उन्हे उनके जीवन में और जीवन के बाद भी सब अपना मानते …
Read More »बसंती चोले के तीन राष्ट्रभक्त दीवाने
(23 मार्च, बलिदान दिवस पर विशेष) ‘एक जीवन और एक ध्येय’ वाले तीन मित्र भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु, इन तीनों की मित्रता क्रांति के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है। बसंती चोला के इन दीवानों की ऐसी मित्रता थी जो जीवन के अंतिम क्षण तक साथ थी और बलिदान के बाद …
Read More »भारतीय इतिहास की हृदयविदारक घटना : शहीद दिवस
“जो आँखें देशहित जागी, वो हरगिज़ सो नहीं सकती। जिस्म के ख़ाक होने पर भी, शोहरत खो नहीं सकती। भले दौलत की ताक़त से खरीदो, सारी दुनिया को, शहादत की मगर कोई भी क़ीमत हो नहीं सकती।। ” भारत को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त कराने के दो मुखर स्वर …
Read More »गदरपार्टी के संस्थापक : क्रान्तिकारी लाला हरदयाल
4 मार्च 1939 सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी लाला हरदयाल का बलिदान सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी और विचारक लाला हरदयाल की गणना उन विरले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में होती है जिन्होंने केवल भारत ही नहीं अपितु अमेरिका और लंदन में भी अंग्रेजों के अत्याचारों के विरुद्ध जनमत जगाया था। लालाजी को अपने पक्ष में करने …
Read More »सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी गोपीनाथ साहा का बलिदान
1 मार्च 1924 : चार्ल्स ट्रेगार्ट को मौत के घाट उतारने का प्रयास पराधीनता के दिनों में कुछ अंग्रेज अधिकारी ऐसे थे जो अपने क्रूरतम मानसिकता के चलते भारतीय स्वाधीनता सेनानियों से अमानवीयता की सीमा भी पार जाते थे। बंगाल में पदस्थ ऐसा ही अधिकारी चार्ल्स ट्रेगार्ट था। जिसे मौत …
Read More »जिन्हें दो बार आजीवन कारावास मिला : स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर
26 फरवरी 1966 : स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर की पुण्य तिथि स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर अकेले ऐसे बलिदानी क्राँतिकारी हैं जिन्हें दो बार आजीवन कारावास हुआ, उनका पूरा जीवन तिहरे संघर्ष से भरा है। एक संघर्ष राष्ट्र की संस्कृति और परंपरा की पुनर्स्थापना के लिये किया। दूसरा संघर्ष अंग्रेजों से …
Read More »सशस्त्र क्राँति के नायक उय्यलावडा नरसिम्हा रेड्डी
अंग्रेजों के विरुद्ध 1857 की सशस्त्र क्रान्ति के बारे सब जानते हैं। निसंदेह वह एक संगठित अभियान था पर इससे पहले भी स्थानीय स्तर पर अनेक सशस्त्र संघर्ष हुये हैं। इससे पहले ऐसा ही एक सशस्त्र आन्ध्र प्रदेश में हुआ था जिसके नायक थे नरसिंह रेड्डी। क्रांति से अंग्रेजी सेना …
Read More »स्वतंत्रता के बाद समाज-संस्कृति प्रतिष्ठा का संघर्ष : उद्धवदास जी मेहता
20 फरवरी 1986 सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पुण्यतिथि भाई उद्धवदास जी मेहता देश के उन विरले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में एक हैं जो दस वर्ष की बालवय में स्वाधीनता संघर्ष केलिये सामने आये और पन्द्रह वर्ष की आयु में बंदी बनाये गये। उनका सारा जीवन समाज, संस्कृति और राष्ट्र …
Read More »स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पत्रकार पंडित रामदहिन ओझा का बलिदान
18 फरवरी 1931 : लेखन के साथ सक्रिय आँदोलन में भागीदारी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अनेक बलिदानी ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने लेखन से जनमत जगाया, युवकों को क्राँति के लिये संगठित किया और स्वयं विभिन्न आँदोलनों में सीधी सहभागिता की और बलिदान हुये । सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित …
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