31 जुलाई 1940 : क्रान्तिकारी ऊधमसिंह का बलिदान दिवस कुछ क्रांतिकारी ऐसे हुए हैं जिन्होंने शांति के जगह क्रांति का रास्ता अपनाया, उन्होंने अंग्रेजों की नेस्तनाबूत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, ऐसे ही क्रान्तिकारी थे ऊधमसिंह, जिनको लंदन में 1940 को फांसी दी गई थी। सरदार ऊधमसिंह ने …
Read More »दक्षिण कोसल की स्थापत्य कला में नदी मातृकाओं का शिल्पांकन
दक्षिण कोसल में स्थापत्य कला का उद्भव शैलोत्खनित गुहा के रूप में सरगुजा जिले के रामगढ़ पर्वत माला में स्थित सीताबेंगरा से प्रारंभ होता है। पांचवीं-छठवीं सदी ईस्वीं से दक्षिण कोसल में स्थापत्य कला के अभिनव उदाहरण प्राप्त होने लगते हैं जिसके अन्तर्गत मल्हार तथा ताला में मंदिर वास्तु की …
Read More »अंग्रेजी शासन की जड़ें हिलाने वाले अद्भुत योद्धा : चन्द्र शेखर आज़ाद
महान क्राँतिकारी चन्द्रशेखर आजाद एक ऐसे विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे कि उन्होंने अंग्रेजी शासन के विरुद्ध भारत के संपूर्ण क्राँतिकारी आँदोलन कारियों को एकजुट किया तथा बंगाल से पंजाब तक अंग्रेजी शासन की जड़ें हिला दीं। उनका जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के अंतर्गत ग्राम …
Read More »श्रावण मास का आध्यात्मिक एवं पौराणिक महत्व
हिन्दू पंचांग में काल गणना एवं बारह मासों की पृष्ठभूमि वैज्ञानिकता पर आधारित है। जिसमें श्रावण या सावन मास पांचवे स्थान पर है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जुलाई-अगस्त माह का समय श्रावण मास या सावन का होता है। यह मास जल के लिए जाना जाता है. साथ ही यह सृष्टि …
Read More »सब धरती कागद करूँ , लेखनी सब बनराय : गुरु पूर्णिमा विशेष
“गु अँधियारी जानिये, रु कहिये परकाश। मिटि अज्ञाने ज्ञान दे, गुरु नाम है तास।” कबीरदास ने गुरु के अर्थ और उनके बारे में अंनत लिखा है । यहाँ तक की सभी महापुरुषों ने गुरु को दुर्लभ मनुष्य जीवन की अत्यंत अनिवार्य कड़ी बताया है। कबीर कहते है-“गुरु गोविंद दाऊ खड़े …
Read More »सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी बटुकेश्वर दत्त : पुण्यतिथि विशेष
भारतीय इतिहास में ज्ञात होता है कि जिन लोंगो ने हमें स्वतंत्र बनाने के लिये अपना जीवन न्योछावर किया, अंग्रेजों की अमानवीय यातनाएं सहीं उनके साथ स्वतंत्रता के बाद भी कैसा व्यवहार हुआ। इनमें से एक हैं सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी बटुकेश्वर दत्त। जब बटुकेश्वर बहुत छोटे थे तब परिवार कानपुर आ …
Read More »सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के प्रणेता : दुर्दम्य महारथी श्रीयुत मंगल पांडे
(19 जुलाई महा महारथी श्रीयुत मंगल पांडे की जयंती पर सादर समर्पित) ———–भारतीय स्वाधीनता संग्राम के इतिहास लेखन का सबसे दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह रहा कि बरतानिया सरकार के विरुद्ध जितने भी सशस्त्र स्वतंत्रता संग्राम हुए, उनको विद्रोह, गदर, लूट, डकैती और आतंकवाद की संज्ञा दे दी गई और …
Read More »ईश्वर का प्यारा छल: एक लघुकथा
मैंने एक ऐसी घटना के बारे में सुना है जब ईश्वर ने अपनी संतानों यानि मानव जाति के साथ छल किया। यह कथा मुझे मेरी दादीमाँ ने मेरे बचपन में सुनाई थी। मेरी दादीमाँ जिन्हे बचपन में मैं बहुत प्रेम करता था और आज भी उनको, उनकी स्मृति को उतना …
Read More »रामचरित मानस में वर्णित ॠषि – मुनि एवं उनके आश्रम
भारत सदैव से ऋषि मुनियों की तपो भूमि रहा है, उनके द्वारा विभिन्न ग्रंथों की रचना की गई। उन्होंने ही हिमालय के प्रथम अक्षर से हि एवं इंदु को मिला कर भारत को हिंदुस्तान नाम दिया। हिन्दू धर्म ग्रंथों के दो भाग श्रुति और स्मृति हैं। श्रुति सबसे बड़ा ग्रन्थ …
Read More »सुख – समृद्धि, उर्वरता, और सौभाग्य की अधिष्ठात्री देवी : दशम महाविद्या माँ कमला
(गुप्त नवरात्र के दशम महाविद्या माँ कमला देवी पर सादर समर्पित) माँ कमला देवी दस महाविद्याओं में से अंतिम हैं। देवी कमला को कमलात्मिका के नाम से भी जाना जाता है और वे समृद्धि की देवी हैं। धन और सौंदर्य की देवी के रूप में, उनकी पूजा उनकी शक्ति के …
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