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हम सबका अभिमान है हिन्दी

हम सबका अभिमान है हिन्दी,
हम सब का सम्मान है हिन्दी॥

उत्तर-दक्षिण, पूरब-पश्चिम तक, फुलवारी सी सजती है हिन्दी
शिलालेखों एवं प्राच्य अभिलेखों में, मेंहदी सी रचती है हिन्दी
हम सबका अभिमान है हिन्दी,
हम सब का सम्मान है हिन्दी॥

मातृभाषा व राष्ट्रभाषा के पद पर, सदैव शोभित हमारी हिन्दी
संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, से सुसमृद्ध हुई हमारी हिन्दी
हम सबका अभिमान है हिन्दी,
हम सब का सम्मान है हिन्दी॥

व्याकरण, वर्तनी के संग, वाणी और भावों की जननी है हिन्दी
साहित्य विधा की प्राण और, सिरमौर राष्ट्र की बननी है हिन्दी
हम सबका अभिमान है हिन्दी,
हम सब का सम्मान है हिन्दी॥

साहित्य सागर की लहरियों में, गद्य-पद्य संग इठलाती हिन्दी
लेख-लेखनी संग रंग जमाती, कवियों की सुरीली तान है हिन्दी
हम सबका अभिमान है हिन्दी,
हम सब का सम्मान है हिन्दी॥

शब्द रसों के भंडार से भरी, देवनागरी लिपि कहलाती है हिन्दी
बचपन और यौवन में सबको, जीवन का पाठ पढ़ाती है हिन्दी
हम सबका अभिमान है हिन्दी,
हम सब का सम्मान है हिन्दी॥

माता-पिता का प्यार है हिंदी, ईश भजन का सार है हिन्दी
नानी-दादी की कहानी से लेकर, शिक्षा का आधार है हिन्दी
हम सबका अभिमान है हिन्दी,
हम सब का सम्मान है हिन्दी॥

तत्सम-तद्भव, देशज और विदेशी, सबको अपनाती है हिन्दी
भाषा-बोली के सुंदर मोतियों को, एक सूत्र में पिरोती है हिन्दी
हम सबका अभिमान है हिन्दी,
हम सब का सम्मान है हिन्दी॥

जन-जन की शान है हिन्दी, सरल-सहज-मधुर न्यारी है हिन्दी
भारत माँ का श्रृंगार है हिन्दी, जन मन गण की पहचान है हिन्दी
हम सबका अभिमान है हिन्दी,
हम सब का सम्मान है हिन्दी॥

अथाह वैश्विक साहित्य सागर में, संस्कृति की पहचान है हिन्दी
नित सरिता की अविरल बहती, लहरों की सुरभित तान है हिन्दी
संस्कृति-सभ्यता की पहचान हिन्दी,
हम सबका अभिमान है हिन्दी,
हम सब का सम्मान है हिन्दी॥

सप्ताह के कवि

श्रीमती रेखा पाण्डेय (लिपि) हिन्दी व्याख्याता अम्बिकापुर, छत्तीसगढ़

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