गुरु घासीदास का संपूर्ण जीवन संघर्ष पूर्ण रहा। उस समय देश में सामंती प्रथा व्याप्त थी। पूरा देश अंग्रेजी शासन के अधीन था। जनता शोषित और पीड़ित थी। दलित समाज में विचित्र छटपटाहट थी। विचार अभिव्यक्ति की स्वतंतत्रा तो दूर की बात, लोगों को रोटी-कपड़े के लिए भी संघर्ष करना …
Read More »छत्तीसगढ़ का लोक साहित्य एवं वाचिक परम्परा
छत्तीसगढ़ नवोदित राज्य है। किन्तु हाँ की लोक संस्कृति अति प्राचीन है। यहाँ बोली जाने वाली भाषा छत्तीसगढ़ी है, जो अपनी मधुरता और सरलता के लिए जग विदित है। अर्द्ध मागधी अपभ्रंश से विकसीत पूर्वी हिन्दी की एक समृद्ध बोली है छत्तीसगढ़ी, जो अब भाषा के रूप में प्रतिष्ठित हो …
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