संस्कृति और इतिहास में राजस्थान नाम का उल्लेख प्राचीन काल में नहीं मिलता। वर्तमान राजस्थान के क्षेत्र में प्राचीन काल से अनेक राजनैतिक इकाइयों का उल्लेख मिलता है, जिनमें मत्स्य (जयपुर का उत्तरी भाग) सपादलक्ष (जयपुर का दक्षिणी भाग) कुरुक्षेत्र (अलवर का दक्षिणी भाग) शूरसेन (भरतपुर, धौलपुर तथा करौली) शिव …
Read More »अंधेरे में प्रकाश की किरण: सिरती लिंगी
सनातन की जड़ें बहुत गहरी हैं, ईसाईयों का तथाकथित प्रेम का संदेश एवं औरंगजेबी तलवारें भी इसे नहीं उखाड़ पाई। सदियों की नाकामी के बाद भी इनके प्रयास निरंतर जारी हैं। ऐसे में कोई व्यक्ति इनके सामने सीना तान कर चट्टान की तरह खड़ा हो जाए तो चर्चा का विषय …
Read More »प्रकृति की अनुपम भेंट कांगेर वैली एवं उसकी अद्भुत गुफ़ाएं
कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ प्रदेश के बस्तर जिले के जिला मुख्यालय जगदलपुर में स्थित है। राष्ट्रीय उद्यान को कांगेर नदी से अपना नाम मिलता है, जो उत्तर-पश्चिम से दक्षिण पूर्व दिशा में केंद्र से बहती है। वर्ष 1982 में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत राष्ट्रीय उद्यान अधिसूचित किया …
Read More »दक्षिण कोसल का केदारनाथ शिवालय
केदारनाथ के नाम से ही स्पष्ट है कि यह एक शिवालय है, जो छत्तीसगढ़ के जिला मुख्यालय रायगढ़ से ओड़िशा के जिला मुख्यालय बरगढ़ जाने वाले रास्ते में तहसील मुख्यालय अम्बाभोना में मुख्य सड़क के किनारे स्थित है। पश्चिम ओड़िशा का यह इलाका कभी दक्षिण कोसल (छत्तीसगढ़) में समाहित था। …
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