छत्तीसगढ़ वैदिक और पौराणिक काल से ही विभिन्न संस्कृतियों का विकास केंद्र रहा है। यहां प्राप्त मंदिरों, देवालयों और उनके भग्नावशेषों से ज्ञात होता है कि यहां वैष्णव, शैव, शाक्त, बौद्ध, जैन धर्म एवं संस्कृतियों का प्रभाव रहा है। शैवधर्म का छत्तीसगढ़ में व्यापक प्रभाव परिलक्षित होता है। जिसका प्रमाण …
Read More »गढ़धनौरा गोबरहीन का विशाल शिवलिंग एवं पुन्नी मेला
महाशिवरात्रि पर्व पर त्रेतायुग के नायक भगवान श्रीराम के वनवास काल स्थल एवं 5वीं-6वीं शताब्दी के प्राचीन प्रसिद्ध शिवधाम गढधनौरा गोबरहीन में मेला लगता है। श्रद्धालु शिवभक्तों, प्रकृति से प्रेम करने वाले प्रकृति प्रेमियों एवं सभ्यता संस्कृति इतिहास में अभिरूचि रखने वाले जिज्ञासुओं की भारी भीड़ के चलते यंहा पर …
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