“जब शंकाएं मुझ पर हावी होती हैं, और निराशाएं मुझे घूरती हैं, जब दिगंत में कोई आशा की किरण मुझे नजर नहीं आती, तब मैं गीता की ओर देखता हूं।” – महात्मा गांधी। संसार का सबसे पुराना दर्शन ग्रन्थ है भगवद्गीता। साथ ही साथ विवेक, ज्ञान एवं प्रबोधन के क्षेत्र …
Read More »मैय्या मोरी मैं नहीं माखन खायो
भारतवर्ष ने जहां एक ओर विदेशी आक्रांताओं का दंश झेला, अत्याचार सहे वहीं दूसरी ओर इस पुण्यभूमि पर अनेकों महापुरुषों, ऋषि-मुनियों ने जन्म लिया। इस देवभूमि को तो साक्षात भगवानों की माता कहलाने का भी गौरव प्राप्त है और हम भरतवंशियों को भगवानों का वंशज कहलाने का परम सौभाग्य मिला …
Read More »सनातन विश्व में पर्यावरण क्रांति के अग्रदूत : श्री कृष्ण
श्री कृष्ण जनमाष्टमी विशेष आलेख पर्यावरण संरक्षण की चेतना वैदिक काल से ही प्रचलित है। प्रकृति और मनुष्य सदैव से ही एक दूसरे के पूरक रहे हैं। एक के बिना दूसरे की कल्पना करना बेमानी है। वैदिक काल के ध्येय वाक्य “सर्वे भवन्तु सुखिनः” की अभिधारणा लिए प्रकृति और मनुष्य …
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