युगदृष्टा शंकराचार्य ने भारत को एक सांस्कृतिक इकाई के रूप में देखते हुए, इसको और अधिक सुदृढ़ करने की दृष्टि से देश के चार कोनों पर चार मठों की स्थापना की। दक्षिण में ‘शृंगेरीमठ’, पश्चिम में द्वारिका का ‘शारदामठ’, उत्तर में बद्रीनाथ का ‘ज्योतिर्मठ’ तथा पूर्व में जगन्नाथपुरी के ‘गोवर्धनमठ’ …
Read More »पंचायतन पूजा पद्धति एवं चतुर्मठ की स्थापना : आदि शंकराचार्य
चाण्डाल से संवाद की घटना मनीषा पचकम्’ की रचना के लिए मात्र एक भूमिका रही होगी। भगवान् विश्वनाथ ने एक दृश्य रचकर आचार्य शंकर को इस निमित्त प्रेरित किया। अब सच्चे अर्थों में सर्वात्मैक्य तथा अद्वैत का भाव श्री शंकराचार्य के मन में जग चुका था। प्राणीमात्र की समानता के …
Read More »जानिए कहाँ शबरी ने भगवान राम को बेर खिलाए थे
जिसका मन सुंदर हो, उसे सारी दुनिया सुंदर नजर आती है। मन से सभी तरह के भेद मिट जाते है। ईश्वर की बनाई सारी रचना खूबसूरत जान पड़ती है। ऐसे ही भगवान राम हैं, उनके दर्शनों के लिए व्याकुलता से प्रतीक्षा करती शबरी से राम जी की भेंट का वर्णन …
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