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लोक संस्कृति

पीथमपुर धूल पंचमी मेले में शिव बारात

इतिहास इस बात का साक्षी है कि छत्तीसगढ़ की भूमि अनादि काल से ही अपनी परंपरा, समर्पण की भावना, सरलता और कलाओं की विपुलता के कारण सारे देश के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। यहां के लोगों का भोलापन, यहां के शासकों की वचनबद्धता, दानशीलता और प्रकृति के निश्छल …

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मड़ई में गाली बकने की परम्परा

बस्तर के वनवासी अपने पारंपरिक रीति-रिवाजों को संजोए हुए होली मनाते हैं, दंतेवाड़ा के माई मंदिर में। छत्तीसगढ़ के बस्तर का दंतेवाड़ा जहां विराजी हैं वनवासियों की आराध्य मां दंतेश्वरी देवी। डंकिनी- शंखिनी नदी संगम के तट पर बसा है दंतेवाड़ा। हर बरस माता के दरबार में होली मनाने आ …

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छत्तीसगढ़ी फाग का लोकरंग

भारतीय जीवन और संस्कृति में जो सर्वाधिक आभामय और विविध रंगी हैं, वह ‘लोक’ ही है | लोक केवल गाँव में ही नहीं बसता, बल्कि शहरों में भी बसता है | यह वह लोक है जिसे शहरी जीवन और सुविधाओं ने उसे उसकी जड़ से काटने की कोशिश की, पर …

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छत्तीसगढ़ी नाचा और गम्मत : हमारी धरोहर

भारत का हृदय प्रांत छत्तीसगढ़ एक उत्सव प्रिय राज्य होने के साथ ही लोककलाओं का कुबेर भी है।इसके अधिकांश हिस्से में ग्रामीण आदिवासी निवास करते हैं।लगभग वर्ष भर यहां विविध पर्वों और उत्सवों का आयोजन होता रहता है। प्राचीन काल से ऐसे उत्सवों पर उल्लास की अभिव्यक्ति छत्तीसगढ़ के कलाकार …

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मन चंगा तो कठौती में गंगा : संत शिरोमणी रविदास

“मन चंगा तो कठौती में गंगा”, ये कहावत आपने जरूर सुनी होगी। इसका संबंध आपसी भाईचारा, भेदभाव मिटाने और सबके भले की सीख देने वाले सामाजिक समरसता के महान संत शिरोमणी श्री रविदास जी महाराज से है। संत गुरु रविदास भारत के महान संतों में से एक हैं, जिन्होंने अपना …

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छत्तीसगढ़ी संस्कृति में रचे बसे लोकगीत

लोककला मन में उठने वाले भावों को सहज रुप में अभिव्यक्त करने का सशक्त माध्यम है। यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को स्वत: स्थानांतरित हो जाने वाली विधा है। लोक कला हमारी संस्कृति की पहचान होती है, हमारी खुशी को प्रकट करने का माध्यम होती है। लोककला का क्षेत्र …

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वैश्विक संस्कृति में श्रीराम एवं रामकथाएं

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और उनकी यशगाथा रामायण केवल भारत में नहीं अपितु पूरे संसार रची बसी है। बीस से अधिक देशों में उनकी अपनी लोकभाषा में रामायण उपलब्ध है। अनेक देशों के पुरातात्विक अनुसंधान में राम सीता जैसी छवियाँ, काष्ठ या भीति चित्र मिले हैं। राम और रामायण की …

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संगीत और नृत्य का संगम प्रो. कल्याणदास महंत

नृत्य सम्राट प्रो. कल्याणदास, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय नियुक्त बड़ी हस्तियों में थे। वे छुट्टी के दिनों में बराबर अपने निवास स्थान रायगढ़ आते थे, जहाँ उनका स्वयं का मकान है। परिवार उस समय यहीं था। उन दिनों हम लोगों की चक्रधर कला परिषद हुआ कल्याण दास महन्त लेखक के …

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कार्तिक की कीर्ति कथा है आंवला नवमी

आंवला रसायन है और कल्प दृष्टा भी। उसके प्रति कायाकल्प जैसी रसायन सम्मत और आयुर्वेदिक मान्यता यूंही नहीं जुड़ गई। ऋषि च्यवन की कहानी में कितने सूत्र इस फल के गुण और उपयोग के हैं! आयुर्वेद की कहानियां हम कम ही सुनते सुनाते हैं। यह कार्तिक की कीर्ति कथा है। …

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सम्पूर्ण जगत का कर्ता सूर्य : छठ पूजा विशेष

मानव ने धरती पर जन्म लेकर सबसे पहले नभ में चमकते हुए गोले सूर्य को देखा। धीरे-धीरे उसने सूर्य के महत्व समझा और उसका उपासक हो गया। सूर्य ही ब्रह्माण्ड की धुरी है। जिसने अपने आकर्षण में सभी ग्रहों एवं उपग्रहों को बांध रखा है। इसका व्यवहार किसी परिवार के …

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