सन 1930 के जनक्रांति “जंगल सत्याग्रह” का केंद्र बिंदु रहा सलिहागढ़, छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा क्षेत्र में जोंक नदी के तट पर बसे नगर पंचायत खरियाररोड के दक्षिण-पूर्व दिशा में लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह क़स्बा अब ओडिशा के नुआपाड़ा जिला के अंतर्गत है जो पूर्व में महासमुंद …
Read More »Monthly Archives: September 2020
भारत माता के भक्त – भगत सिंह
(28 सितम्बर, जयन्ती पर विशेष) जागो तो एक बार जागो जागो तो जागे थे भगत सिंह प्यारे असेंबली में लग गए नारे ठप हो गयी सरकार जागो जागो तो . . . इस उत्साहवर्धक गीत के पश्चात् भैया प्रसंग बताने के लिए सामने आए। ‘हमारे बिगड़े दिमागों में बलिदानी विचार …
Read More »पंडित दीनदयाल उपाध्याय : एक युग दृष्टा
आत्मविश्वास,कर्मठता, दृढ़निश्चय, लगन, निष्ठा, त्याग, समाज कल्याण और राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता जैसे शब्द जहाँ बहुतायत श्रेष्ठ व्यक्तित्व के लोगों का मान बढ़ाते हैं, वहीं पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के जीवन से जुड़कर इन शब्दों की महत्ता और भी बढ़ जाती है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर 1916 …
Read More »छत्तीसगढ़ के कलचुरीकालीन अभिलेखों के परिप्रेक्ष्य में स्थापत्य एवं मूर्तिकला
इतिहास का अवलोकन करने पर ज्ञात होता है कि अभिलेख उत्कीर्ण कराने के उद्येश्यों में प्रमुख स्थान धार्मिक निर्माण एवं दान तथा अनुदान का रहा है और संपूर्ण भारतवर्ष से अब तक प्राप्त लगभग पचास प्रतिशत से अधिक अभिलेख जो विभिन्न शासकों, व्यक्तियों एवं संस्थाओं द्वारा जारी किये गये है, …
Read More »लोक अभिव्यक्ति का रस : ददरिया
लोक में ज्ञान की अकूत संचित निधि है, जिसे खोजने, जानने और समझने की बहुत आवश्यकता है। लोकज्ञान मूलतः लोक का अनुभवजन्य ज्ञान है जो यत्र-तत्र बिखरा हुआ है और कई गूढ़ रहस्यों का भी दिग्दर्शन कराता है। यह विविध रूपों में हैं, कहीं गीत-संगीत, कहीं लोक-कथाओं और कहीं लोक-गाथाओं …
Read More »दक्षिण कोसल के शिल्प एवं शिल्पकार : विश्वकर्मा पूजा विशेष
शिल्पकारों ने कलचुरियों के यहाँ भी निर्माण कार्य किया, उनकी उपस्थिति तत्कालीन अभिलेखों में दिखाई देती है। द्वितीय पृथ्वीदेव के रतनपुर में प्राप्त शिलालेख संवत 915 में उत्कीर्ण है ” यह मनोज्ञा और खूब रस वाली प्रशस्ति रुचिर अक्षरों में धनपति नामक कृती और शिल्पज्ञ ईश्वर ने उत्कीर्ण की। उपरोक्त …
Read More »सरगुजा अंचल में भगवान श्री राम का धनुष बाण
सूरजपुर जिले के प्रेमनगर विकासखण्ड के अन्तर्गत हरिहरपुर ग्राम पंचायत का आश्रित ग्राम रामेश्वरनगर है। ग्रामीणों की मान्यतानुसार इस गांव की पहाड़ी पर राम मंदिर में रखा तीर-धनुष भगवान श्री राम का है। बताया जाता है कि यही धनुष परशुराम ने भगवान श्री राम को दिया था। भारत के ह्दय …
Read More »हिन्दी है जन-मन की भाषा
(14 सितम्बर, हिन्दी दिवस पर विशेष) प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को हम “हिन्दी दिवस” मनाते हैं, भारत की स्वतंत्रता के बाद 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी की खड़ी बोली ही भारत की राष्ट्रभाषा होगी। हालांकि इसे 1950 को देश के संविधान द्वारा …
Read More »वेब संगोष्ठी के अंतिम दिवस की रिपोर्ट
षष्टम सत्र : जनजाति कला एवं संस्कृति में राम कथा तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के अंतिम दिवस दिनाँक 31 /8/ 2020 दिन सोमवार को सुबह 10:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक तीसरे दिन के पहले सत्र और कुल वेबीनार छठवें अकादमिक सत्र का प्रारंभ हुआ। इस सत्र का …
Read More »वेब संगोष्ठी के द्वितीय दिवस के सभी सत्रों की रिपोर्ट
दिनांक 30 अगस्त 2020 तृतीय से पंचम सत्र तृतीय सत्र : लोक परंपरा एवं लोक साहित्य में राम कथा अंतर्रष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन “लोक परंपरा एवं लोक साहित्य में राम कथा” पर दिनाँक 30/8/2020 को सुबह 11:00 से 12:30 के मध्य तृतीय अकादमिक सत्र का प्रारंभ किया गया। जिस …
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