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Monthly Archives: June 2024

नया सत्र शिक्षण शिक्षा का…

नया सत्र शिक्षण शिक्षा का । ज्ञान, ध्यान और दीक्षा का ।। अबोध, अज्ञान और चंचल मन । गीली मिट्टी सा कोमल तन ।। शीतल शांत संस्कारी आंगन । विद्यालय हो बाल मन दर्पण ।। गुरुओं की प्रेम की भाषा । बाल मन में हो अभिलाषा ।। मिले उन्हें ऐसा …

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छत्तीसगढ़ी कविताओं में मद्य-निषेध

शराब, मय, मयकदा, रिन्द, जाम, पैमाना, सुराही, साकी आदि विषय-वस्तु पर हजारों गजलें बनी, फिल्मों के गीत बने, कव्वालियाँ बनी। बच्चन ने अपनी मधुशाला में इस विषय-वस्तु में जीवन-दर्शन दिखाया। सभी संत, महात्माओं, ज्ञानियों और विचारकों ने शराब को सामाजिक बुराई ही बताया है। छत्तीसगढ़ी कविताओं में मदिरा का गुणगान …

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नारी शक्ति की अपरिमितता का द्योतक हैं, कालजयी वीरांगना रानी दुर्गावती

(24 जून को 460 वें बलिदान दिवस के पूर्ण होने, तदनुसार 461वें बलिदान दिवस पर सादर समर्पित) *गोंडवाना साम्राज्य का स्वर्ण युग *————– रानी दुर्गावती ने लगभग 16 वर्ष शासन किया और यही काल गोंडवाना साम्राज्य का स्वर्ण युग था।गोंडवाना साम्राज्य राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, सांस्कृतिक,कला एवं साहित्य के क्षेत्र …

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देहि शिवा वर मोहि इहै, शुभ करमन ते कबहू न टरौं

गुरु गोविंद सिंह सिर्फ़ सिख समुदाय के ही नहीं, सारी मानवता के चहेते हैं। उनकी दूरदर्शिता अकल्पनीय है, उन्होंने भविष्य को देखते हुए श्री ग्रंथ साहिब को गुरु मानने की आज्ञा दी तथा खालसा पंथ की स्थापना की। आज्ञा भयी अकाल की, तभे चलायो पंथ। सब सिखन को हुकम है, …

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चार दाग से सतगुरु न्यारा, अजरो अमर शरीर : कबीर जयंती विशेष

कबीर पंथ के चौदहवे आचार्य पंथ श्री गृन्धमुनिनाम साहब ने अपने ग्रंथ ‘सद्गुरु कबीर ज्ञान पयोनिधि’ की प्रस्तावना में लिखा है,- “संसार के लोग राख के ढेर पर ही पैर रखकर चलते हैं- जलती आग पर नहीं, किन्तु जो इसके ठीक विपरीत होते हैं, आग पर चलकर अग्नि परीक्षा देते …

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प्राचीन भारतीय योग विज्ञान सर्व काल में उपयोगी

युञ्ज्यते असौ योग:, योग शब्द संस्कृत के युञ्ज धातु से बना है जिसका अर्थ है जुड़ना, मिलना या एकजुट होना। योग, विश्व को प्राचीन भारतीय परंपरा एवं संस्कृति की अनुपम देन है। योग द्वारा मनुष्य अपने शरीर एवं मन-मस्तिष्क को आत्मबल प्रदान कर प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाता है। योग सम्पूर्ण …

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13 जून 1922 क्राँतिकारी नानक भील का बलिदान : सीने पर गोली खाई

किसानों के शोषण के विरुद्ध आँदोलन चलाया स्वतंत्रता के बाद भी अँग्रेजों के बाँटो और राज करो षड्यंत्र के अंतर्गत सोचने वालों के लिये बलिदानी नानक भील एक बड़ा उदाहरण है । बलिदानी नानक भील वनवासी थे लेकिन उन्होंने एक सशक्त किसान आँदोलन चलाया । प्रथम विश्व युद्ध के दौरान …

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अर्जुन तुम घबराना मत..…

अर्जुन तुम घबराना मत , इनके झाँसे में आना मत … बाक़ी है सारा धर्म युद्ध , अंतर्मुखी निष्क्रिय क्रुद्ध , अवसाद मुक्त संशय निरुद्ध , ये रक्त देख शरमाना मत , अर्जुन तुम घबराना मत ।। १॥ द्रुपदपुत्री का चीर हरण , प्रसुप्त हिंदू का वीर हरण , शिवप्रसाद …

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“भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के कालजयी महारथी : हुतात्मा पं. रामप्रसाद बिस्मिल”

(जयंती पर एक आलोचनात्मक परीक्षण ) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास और भविष्य की सच्चाई यही रही है कि जिन हुतात्माओं स्वतंत्रता संग्राम में बरतानिया सरकार के विरुद्ध जंग लड़ी उनको देशद्रोही, आतंकवादी लुटेरा और डकैत कहा गया तथा उन्हें ही फाँसी और कालापानी की सजाएँ दी गईं, इसके विपरीत …

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चर्च की सत्ता के विरुद्ध उलगुलान के नायक बिरसा मुंडा

अमर क्रान्तिकारी बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर 1875 छोटा नागपुर कहे जाने वाले क्षेत्र में हुआ था। यह क्षेत्र अब झारखंड में है। उनकी माता सुगना देवी और पिता करमी मुंडा का गाँव झारखंड प्रांत के रांची जिले में पड़ता है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम साल्वा में हुई।अंग्रेजी शिक्षा …

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