पितृ-पक्ष श्राद्ध का वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक रहस्य

हमारी आर्ष संस्कृति ऋषि परंपराओं पर आधारित है और यह ऋषि परंपराएं सनातन होने के साथ-साथ केवल विश्वासों पर आधारित न हो कर वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर पल्लवित हुई है। हमारे सनातन ऋषियों ने इन परंपराओं को देश, काल, ऋतू के अनुरूप एवं सर्वजन हिताय ही विकसित किया है। इसमे कीड़ी …

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गांधी को समझने के लिए गांधी दर्शन को समझना नितांत आवश्यक

गाँधी का विश्व-क्षितिज पर आना एक विलक्षण घटना थी। गांधी अपने आप मे एक पूर्ण युग थे, एक ऐसा युग जिसे देख कर विश्व पटल पर हर कोई अचम्भित रह जाता है। उनके व्यक्तित्व व कृतित्व के आगे उनके शत्रु भी विवश हो उन्हें यह कहने को बाध्य हो गए …

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प्रतिभाशाली मुकुट काव्य के मुकुट मनोहर

30 सितंबर पंडित मुकुटधर पांडेय जी की जयंती के अवसर पर विशेष लेख महानदी के तट पर रायगढ़-सारंगढ़ मार्ग के चंद्रपुर से 7 कि.मी. की दूरी पर जांजगीर-चांपा जिलान्तर्गत बालपुर ग्राम स्थित है। यह ग्राम पूर्व चंद्रपुर जमींदारी के अंतर्गत पंडित शालिगराम, पंडित चिंतामणि और पंडित पुरुषोत्तम प्रसाद पांडेय की …

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तंत्र की देवी वैनायकी : पौराणिक साहित्यिक संदर्भ में

वैदिक परंपराओं को मानने वालों में सर्वदेवो में अग्रगण्य, प्रथम पूज्य, गौरीनंदन गणेश को बाधाओं को हरने वाले पुरुष देवता के रूप में लोकप्रियता प्राप्त हैं और उनसे सम्बंधित अनेकानेक कथाएँ भी मिलती है जिनसे प्रायः हम सभी परिचित है किंतु दूसरी तरफ भारतीय तंत्र विद्या में गणेश जी के …

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रानी हंसादेवे सहित नौ सौ क्षत्राणियों का जौहर

27 सितम्बर 1310 सिवाणा में पहला जौहर मध्यकाल में हुये भीषण विध्वंस और नरसंहार के बीच रोंगटे खड़े कर देने वाली ऐसी अगणित वीरगाथाएँ हैं जिनमें अपने स्वत्व और स्वाभिमान की रक्षा केलिये क्षत्रियों ने केशरिया बाना धारण कर बलिदान दिया और क्षत्राणियों ने अपनी सखी सहेलियों सहित अग्नि में …

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छत्तीसगढ़ अंचल में साहसिक पर्यटन

27 सितम्बर विश्व पर्यटन दिवस विशेष आलेख पर्यटन की दृष्टि से देखें तो छत्तीसगढ़ बहुत समृद्ध है। यहाँ पर्यटन के वे सभी आयाम दिखाई देते हैं जो एक पर्यटक ढूंढता है। नदी-पहाड़, गुफ़ाएं, प्राकृतिक वन, वन्य पशु पक्षी, प्राचीन स्मारक एवं इतिहास, खान पान विविधताओं से भरा हुआ है। मानसून …

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पुरुषार्थ चतुष्टय का व्यावहारिक स्वरुप एकात्म मानव दर्शन

25 सितम्बर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म दिवस विशेष आलेख विश्व की आधुनिक शासन प्रणालियों में बहुत से बहुत से सिद्धांत सामने आये। इन सिद्धातों को सूत्र रूप प्रस्तुत करने के लिये कुछ शब्द भी आये। जैसे साम्यवाद, पूँजीवाद, समाजवाद, आदि। दीनदयाल जी ने इन सबकों अपूर्ण और अव्यवहारिक बताया और …

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एकात्म मानववाद की विचारधारा देने वाले : पं. दीनदयाल उपाध्याय

पं. दीनदयाल उपाध्याय जी का जन्म 25 सितम्बर 1916 उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के नगला चंद्रभान गांव में हुआ था। उनके पिता, भगवती प्रसाद, एक प्रसिद्ध ज्योतिषी थे और उसकी मां श्रीमती राम प्यारी एक धार्मिक विचारधारा वाली महिला थी। रेल की नौकरी होने के कारण उनके पिता का …

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अंग्रेजों के मनोरंजन क्लब को बम से उड़ाने वाली महिला क्रांतिकारी

24 सितम्बर बलिदान दिवस विशेष आलेख भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में ऐसे असंख्य बलिदान हुये जिनका इतिहास की पुस्तकों में वर्णन शून्य जैसा है। जबकि उनक कार्य स्वर्णाक्षरों में उल्लेख करने लायक हैं। इनमें से एक हैं महिला क्रांतिकारी प्रीतिलता वादेदार जिन्होंने 24 सितम्बर 1932 में अंग्रेजों की पुलिस से …

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भविष्य में वैश्विक एकता का प्रतीक बनेगी हिंदी

भाषा का लेकर चंदन, आओ कर लें अभिनंदनकी गर्व से हिन्दी बोलें, चलो हिन्दी के हो लें संपूर्ण विश्व में एकमात्र भारत ही ऐसा देश है जो न केवल भौगोलिक क्षेत्रफल और जनसंख्या की दृष्टि से विशाल है अपितु हमें तो इस बात का भी गर्व है कि हमारे देश …

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