छत्तीसगढ़ में पुरातत्व से संबंधित कुछ ऐसी दुर्लभ चीजे हैं जो अन्य कहीं पर नहीं मिलती, इनमें से एक ग्राम किरारी से प्राप्त सातवाहनकालीन दूसरी शताब्दी का काष्ठस्तंभ लेख है। जो वर्तमान में महंत घासीदास संग्रहालय रायपुर की दीर्घा में प्रदर्शित है। दुर्लभ इसलिए है कि हमें शिलालेख, ताम्रपत्र, सिक्कों …
Read More »Monthly Archives: March 2019
पर्यावरण : प्रकृति के सानिध्य ने बचाए कैंसर से प्राण
जिन्दगी कैरमबोर्ड जैसी होती है, बोर्ड पर जमी हुई गोटियाँ मनुष्य के पारिवारिक सपने। जरा भी ठोकर लगी और सपने कैरम की गोटियों की मानिंद बिखर जाते हैं। बिरले ही होते हैं जो जीवन की गोटियों को फ़िर से जमाने की और नया खेल शुरु करने की हिम्मत जुटा पाते …
Read More »ऐसा स्थान जहाँ पितर देवता भी आम के स्वाद से वंचित नहीं रहते
आम के साथ बचपन के दिन भी जुड़े हैं, जब स्कूल से भागकर टिकोरों के चक्कर में मीलों दूर तक की धरती नाप आते थे। ऐसे ही हमारे देश का राष्ट्रीय फ़ल आम को नहीं बनाया गया है। इसमें गुण भरे पड़े हैं, पर आयुर्वेद की दृष्टि से अवगुण भी …
Read More »छत्तीसगढ़ की अजब-गजब होली एवं प्राचीन परम्पराएँ
छत्तीसगढ़ अंचल में जब नगाड़े बजने की आवाज फ़ाग गायन के साथ गांव-गांव, शहर-शहर, डगर-डगर से रात के अंधेरे में सन्नाटे को तोड़ती हुई सुनाई दे लगे तो जान लो कि फ़ागुन आ गया। वातावरण में एक विशेष खुश्बू होती है जो मदमस्त कर देती है, महावृक्षों से धरा पर …
Read More »कोण्डागाँव का मावली मेला, जहाँ एकत्रित होते हैं देवी-देवता
नारायणपुर मड़ई के पश्चात कोण्डागांव का प्रसिद्ध मावली मेला कल प्रारंभ हुआ, यह मेला होली के एक सप्ताह पूर्व भरता है। फ़ागुन माह में आयोजित होने वाले इस मेले की विशेषता यह है कि यहाँ कई परगनों के देवी देवता इकट्ठे होते हैं। मेले का अर्थ ही सम्मिलन होता है, …
Read More »भ्रमर प्रत्यंचा पर धरे जब पलाश के वाण
वसंत का मौसम हो तथा पलाश की चर्चा न हो, ये नहीं हो सकता। यह समय छत्तीसगढ़ में बस्तर से लेकर सरगुजा तक के वनों में पलाश के फ़ूलने का होता है, ऐसे लगता है कि जंगल में आग लगी हो, जंगल में आग जब चहूँ दिसि लगी हो तो …
Read More »ऐसा मेला जहाँ युवक-युवती गंधर्व विवाह के लिए हैं स्वतंत्र
छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले व मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले के साथ अन्य आस-पास के जिलों में भी बैगा जनजाति निवास करती है। इन जिलों की सीमा में प्रतिवर्ष पर्व विशेष पर मेला-मड़ई का आयोजन होता है। जहाँ बैगा पहुंच कर मेले का आनंद लेते हैं। यह मेले मड़ई इनके जीवन …
Read More »ऐसी कौन सी घास है जो जन्म से मरण तक साथ निभाती है?
मनुष्य का बांस से साक्षात्कार अग्नि के माध्यम से हुआ, अग्नि प्रज्जवलित करने के लिए उसने अरणी पर परणी का घर्षण कर अग्नि का संधान किया। वर्तमान में विशेष समुदायों में विशेष अवसरों पर इसी तरह अग्नि प्रकट करने का विधान दिखाई देता है। जन्म के बाद बाँस से व्यक्ति …
Read More »“शुद्र कौन थे” अवलोकन एवं समीक्षा : डॉ त्रिभुवन सिंह
एन राम ने डॉक्टर्ड डॉक्यूमेंट के आधार पर फेक न्यूज़ तैयार किया। 2014 में इलेक्शन के पूर्व शेखर गुप्ता ने फेक न्यूज़ बनाकर बड़े अंग्रेजी अखबार में तत्कालीन सेना प्रमुख बीके सिंह के लिए अफवाह फैलाई कि सेना सत्ता पर कब्जा करने के लिए कूंच कर चुकी है। फेक न्यूज़ का …
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