राज्यपाल ‘‘दक्षिण कोसल में राम कथा की व्याप्ति एवं प्रभाव’’ विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वेब शोध संगोष्ठी में हुई शामिल रायपुर, 31 अगस्त 2020/ छत्तीसगढ़ के कण-कण में राम बसे हैं। यहां के लोगों की जीवन शैली पूरी तरह से राममय हैं। उनके जन्म से लेकर मृत्यु तक की यात्रा …
Read More »Monthly Archives: August 2020
बस्तर के जाति एवं जनजाति समाज में जोगनी
दक्षिण कौशल का दक्षिणी भाग बस्तर संभाग कहलाता है, बस्तर में किसी भी नए फसल उपज को सबसे पहले अपने परगना के देवता कुलदेवता इष्ट देवता और पितृ देवता में अर्पण करने की परंपरा है। उसके बाद ही बस्तर का जाति एवं जनजाति समाज उस फसल या उपज को ग्रहण …
Read More »कृषि संस्कृति और ऋषि संस्कृति आधारित त्यौहार : नवाखाई
भारत कृषि प्रधान देश है, यहां की संस्कृति भी कृषि आधारित होने के कारण यहाँ कृषि कार्य से संबंधित पर्व एवं त्यौहार मनाने की परम्परा है। इसमें एक त्यौहार नवान्ह ग्रहण का मनाया जाता है, जिसे नुआखाई या नवाखाई कहते हैं। यह पर्व नई फ़सल आने पर देव, पीतरों को …
Read More »तीजा तिहार का ऐतिहासिक-सामाजिक अनुशीलन
लोक परम्पराएं गौरवशाली इतिहास की पावन स्मृतियाँ होती हैं, जो काल सापेक्ष भी हैं। वर्तमान छत्तीसगढ़ विविधताओं से परिपूर्ण भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति का संगम क्षेत्र रहा है इसलिए यहाँ की परम्पराओं में चहूँ ओर की छाप दिखाई देती है। वैष्णव परंपरा में वर्षा ऋतु (आषाढ़, सावन, भादो, कुंआर) को …
Read More »पोला तिहार का मानवीय पक्ष
प्रत्येक प्रांत के अपने विशिष्ट पर्व होते हैं। जिनसे उसका सांस्कृतिक संबंध होता है । खान- पान, रीति-रिवाज, आचार-व्यवहार का संबंध मानवीय भाव भूमि से होता है। जिसे वह किसी न किसी रूप में व्यक्त करता है। यह व्यक्त करने का संबंध मनुुष्य के चेतन प्राणी होने से है। चेतन …
Read More »अन्न बहन-बेटी तथा मां के प्रति सम्मान का लोकपर्व पोला
कहीं भी हो लोक जीवन का आलोक एक विशेष प्रकार की इन्द्रधनुषीय आभा को प्रदर्शित करता है। इस आभा में लोक के रीति-रिवाज और संस्कार की उज्जवलता सर्वाधिक आकृष्ट करती है। क्योंकि इसमें आडम्बर के लिए कोई स्थान नहीं होता। लोक जीवन की सरलता और सहजता ही उसे विशिष्ट बनाती …
Read More »प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ के बलिदानी
आधुनिक भारतीय इतिहास में अंग्रेजी हुकूमत के ख़िलाफ़ प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के नेतृत्व में 1857 में हुए पहले शस्त्र विद्रोह से मानी जाती है। इसी तरह छत्तीसगढ़ में सोनाखान के प्रजावत्सल जमींदार नारायण सिंह को 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का पहला शहीद माना जाता …
Read More »जारी है 82 वर्षों से राम नाम का अनूठा उत्सव
भगवान श्री राम मनुष्य के जीवन सुख दुख के साथी हैं, मनुष्य सुख हो या दुख दोनों में उन्हें याद करता है। श्री राम को सदा याद रहते हैं, कभी विस्मृत नहीं होते। वे लोक संस्कृति में समाये हुए हैं, कहा जा सकता है कि रोम रोम में बसे बसे …
Read More »दक्षिण कोसल के रामायण कालीन ऋषि मुनि एवं उनके आश्रम : वेबीनार रिपोर्ट
दक्षिण कोसल के रामायण कालीन ऋषि मुनि एवं उनके आश्रम विषय पर ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण उत्तर प्रदेश और सेंटर फॉर स्टडी एंड हॉलिस्टिक डेवलपमेंट छत्तीसगढ़ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार श्रृंखला की 9 वीं कड़ी का आयोजन दिनाँक 9/8/ 2020, रविवार, शाम 7:00 से 8:30 के मध्य किया गया। इस वेबीनार …
Read More »विष्णु के आठवें अवतार : योगेश्वर श्री कृष्ण
भगवान कृष्ण का जन्मदिन, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, जुलाई या अगस्त के महीने में पूरे भारत में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसे जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें हिंदू लोग श्रीकृष्ण के जन्म को विष्णु के आठवें अवतार के रूप में …
Read More »